भीलवाड़ा. शहर से गुजर रही कोठारी नदी की सफाई व रिवर फ्रंट बनाने की घोषणा पर प्रशासनिक अनदेखी फिर भारी पड़ रही है। शहर के कुछ लोग कोठारी नदी को फिर कचरा पात्र बनाने में जुट गए। नगर विकास न्यास व नगर परिषद ने नदी की ओर ध्यान देना बंद कर दिया और इसका फायदा उठाकर लोग इसमें मलबा डालने लग गए।
राजस्थान पत्रिका की टीम ने मंगलवार शाम कोठारी नदी का निरीक्षण किया तो मौके पर एक ट्रैक्टर चालक मकान का मलबा मोक्षधाम के पास खाली करते नजर आया। वहां कई गाडि़यां मलबा पड़ा था। पालड़ी की ओर जाने वाले रास्ते पर भी शहर का कचरा डाला गया। निकटवर्ती निजी अस्पताल के गार्ड ने बताया कि नदी में कई ट्रैक्टर मलबा डालने आते हैं, लेकिन इनके खिलाफ कोई कार्रवाई करने वाला नहीं है। दूसरी ओर नगर विकास न्यास ने नदी क्षेत्र में तारबंदी करके छोड़ दी गई है। सफाई का काम अब बंद पड़ा है।
प्रस्ताव पारित, लेकिन पत्र भी नहीं लिखा
नगर विकास न्यास की 4 जनवरी को बोर्ड बैठक में आरजिया कोटा बाइपास तक कोठारी नदी के किनारे रिवर फ्रंट के सौंदर्यीकरण पर 44 करो़ड़ रुपए व्यय का प्रस्ताव रखा। डीपीआर के लिए 88 लाख मांगे, लेकिन जिला कलक्टर ने 50 लाख की स्वीकृति दी। डीपीआर की स्वीकृति के लिए न्यास ने नगरीय निकाय के प्रमुख शासन सचिव कुंजीलाल मीणा को 14 दिन बाद भी पत्र तक नहीं लिखा। इसके पीछे बोर्ड बैठक का एजेंडा जारी नहीं होना माना जा रहा है।
एजेंडा अभी जारी नहीं
बोर्ड बैठक का एजेंडा अभी जारी नहीं हुआ है। उसमें कुछ इश्यू है। उसके जारी होने के बाद ही ओवरब्रिज व कोठारी नदी को रिवर फ्रंट की डीपीआर के लिए पत्र लिखेंगे।
अजय आर्य, सचिव नगर विकास न्यास