बिना लाइसेंस के चलती मिली गोवा मावा वाला शौरूम
भीलवाड़ाPublished: Oct 31, 2020 09:27:50 pm
34 पैकेट पर न बैच नम्बर मिला न तारीखकाजू टूकड़ी 400 रुपए किलो के भाव की मिली, मिलावट के संदेश पर लिया सैम्पल
Goa mawa running showroom without license in bhilwara
सुरेश जैन
भीलवाड़ा।
राज्य सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन व चिकित्सा विभाग की ओर से चलाए जा रहे शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के बाद भी शहर में कई खाद्य प्रतिष्ठान बिना लाइसेंस के चल रहे है। ऐसा ही एक मामला कुम्भा सर्किल के पास स्थित एक ड्राई फ्रूट के शौरूम में देखने को मिला। यहा बिना लाइसेंस के ड्राई फ्रूट बेचे जा रहे थे। अभियान के लिए गठित टीम ने शनिवार को तीन प्रतिष्ठानों पर छापे मारे। इनमें एक ड्राई फ्रूट का शोरूम भी शामिल है। इसके अलावा नमकीन बनाने वाली फैक्ट्री व आरजिया स्थित मिठाई बनाने वाले कारखाने पर छापा मारा।
सीएमएचओ डॉ. मुस्ताक खान ने बताया कि टीम ने पुर रोड स्थित एक प्रोसेस हाउस के पीछे स्थित शिव शक्ति नमकीन फैक्ट्री पर छापा मारा। यहां से बेसन, नमकीन तथा रिफाइन्ड सोयाबीन ऑयल का सैम्पल लिया गया। मौके पर मसाले की जांच की गई। वह सही पाया गया।
कुम्भा सर्किल चौराहे के पास स्थित रॉयल गोवा मेवा वाला का शोरूम पर छापा मारा गया। दुकान संचालक बिना खाद्य सुरक्षा लाइसेंस के शोरूम का संचालन कर रहा था। इसके साथ ही ड्राई फ्रूट में काजू के एक-एक किलोग्राम के २० पैकेट मिले। इसके अलावा काजू टूकड़ी के पैकेट मिले जिनके भाव ४०० रुपए किलोग्राम बताए गए। इन पर शंका होने पर काजू टूकड़ी के सैम्पल लिए गए। इसके अलावा राज भोग ब्रांड के मखाना के १४ पैकेट मिले। पैकेट बिना किसी बैच के भी मिले है। इसके अलावा पैकिंग दिनांक, एक्सपायरी दिनांक, निर्माता का नाम व पता आदि अंकित नहीं पाए गए। इन सभी पैकेट को अलग रखवाए गए है। संचालक पर तत्काल पैनल्टी लगाने के लिए अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट की कोर्ट में धारा ५८ के तहत रिपोर्ट पेश की जाएगी। इस पर पैनल्टी का प्रावधान है। वही बिना लाइसेंस के संचालन पर धारा 38 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
खाद्य निरीक्षक देवेन्द्र सिंह राणावत ने बताया कि आरजिया स्थित महालक्ष्मी गजक भण्डार की फैक्ट्री पर छापा मारा। यहां सोहनपपडी के करीब ५० पैकेट पड़े हुए थे। यह सभी वनस्पति ऑयल से निर्मित थे। यहां पर काजू कतली बनाए जाने के समाचार थे, लेकिन मौके पर नहीं मिली। फैक्ट्री में सोहन पपडी के पैकेट मिले जिनका उत्पादन संचालन ने अपने स्तर पर करवाया था।