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खारी नदी के है गोपालेश्वर महादेव

आसींद कस्बे के खारी नदी के किनारे गोपालेश्वर महादेव मंदिर स्थित है। यहां सावन मास में सुबह से लेकर देर शाम तक श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है। यहां विभिन्न प्रकार के अनुष्ठान होते है।

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Gopaleshwar Mahadev is of Khari river

Gopaleshwar Mahadev is of Khari river

भीलवाड़ा। आसींद कस्बे के खारी नदी के किनारे गोपालेश्वर महादेव मंदिर स्थित है। यहां सावन मास में सुबह से लेकर देर शाम तक श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है। यहां विभिन्न प्रकार के अनुष्ठान होते है। कस्बे के साथ ही आसपास गांवों के लोग यहां दर्शन एवं पूजन के लिए आते है। प्रतिदिन पंडितों द्वारा अभिषेक किए जाते हैं एवं प्रतिमा को अलग-अलग तरीके से शृंगार किया जाता है।

पुजारी शंकर लाल शर्मा ने बताया कि 225 वर्ष पुराना प्राचीन मंदिर का निर्माण स्वर्गीय ठाकुर गोपाल सिंह जी ने करवाया था। मंदिर का नामकरण गोपालश्वेर मंदिर रखा गया। उनके पूर्वजों के अनुसार वह पीढ़ी दर पीढ़ी मंदिर की सेवा पूजा अर्चना करते आ रहे है। वर्ष1947 में स्वतंत्रता के पश्चात राजा महाराजाओं की सभी रियासतों का एकीकरण हुआ। इसके बाद राज्य में देवस्थान विभाग ने राजा महाराजाओं द्वारा संचालित मंदिरों की देखरेख व्यवस्था संभाल ली। तभी से यहां के मंदिर की भी मरम्मत सेवा पूजन की व्यवस्था देवस्थान विभाग अजमेर के देख रेख में है।

यहां महाशिवरात्रि का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है,रात्रि में चार प्रहर आरती और चार अभिषेक किए जाते हैं एवं गायक कलाकारों द्वारा भजन संध्या का आयोजन होता है पूर्व में महाशिवरात्रि के पर्व पर शोभा यात्रा के लिए इंकदवत ठिकाने से हाथी मंगवाया जाता था और हाथी पर शिव पार्वती की शोभायात्रा निकलती थी लेकिन आज वर्तमान में भगवान शिव पार्वती की शोभा यात्रा बेवाण के रूप में बैंड बाजा गाजा बाजा भजन कीर्तन के साथ शोभायात्रा निकलती है