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फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र पर सरकार सख्त, शिक्षकों की होगी दोबारा जांच

- प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय का बड़ा फैसला: दो माह में पूरी होगी जांच - चार भर्तियों में लगे दिव्यांग श्रेणी के शिक्षकों की मेडिकल जांच अनिवार्य

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Government is strict on fake handicapped certificate, teachers will be re-examined

Government is strict on fake handicapped certificate, teachers will be re-examined

प्रदेश में फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र के मामले सामने आने के बाद प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने बड़ा कदम उठाया है। राज्य सरकार के निर्देश पर दिव्यांग कोटे से नौकरी पर लगे और वर्तमान में कार्यरत शिक्षकों की मेडिकल जांच दोबारा कराई जाएगी। प्रारंभिक शिक्षा निदेशक सीताराम जाट ने सभी जिला परिषद मुख्य कार्यकारी अधिकारियों और जिला शिक्षा अधिकारियों (मुख्यालय) प्रारंभिक को निर्देश जारी किए हैं।

इन भर्तियों में होगी पुनः जांच

प्रथम चरण में शिक्षक भर्ती 2016, शिक्षक भर्ती 2018, शिक्षक भर्ती 2021-22 और शिक्षक भर्ती 2022 के तहत दिव्यांगजन श्रेणी में चयनित शिक्षकों की उपयुक्त बैंचमार्क दिव्यांगता एवं दिव्यांगता प्रतिशत की जांच की जाएगी। जांच संभाग स्तर पर अधिकृत राजकीय मेडिकल कॉलेज अथवा हॉस्पिटल के मेडिकल बोर्ड के माध्यम से कराई जाएगी। निदेशालय ने साफ किया है कि यदि मेडिकल जांच में किसी शिक्षक के प्रमाण पत्र में अनियमितता पाई जाती है तो उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई होगी। यह प्रक्रिया दो माह के भीतर पूरी कर विभाग को सूचना भेजनी होगी। इसके बाद निदेशालय यह जानकारी कार्मिक विभाग और एसओजी (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) को भेजेगा। कार्मिक विभाग ने परिपत्र जारी कर राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में कार्यरत दिव्यांग कर्मचारियों का राजकीय मेडिकल कॉलेज या हॉस्पिटल के मेडिकल बोर्ड से पुनः परीक्षण कराने के निर्देश दिए थे। निर्धारित मानकों में कमी पाए जाने या गलत प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के साथ विभाग को विस्तृत रिपोर्ट भेजने के आदेश दिए गए थे।