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जीएसटी 2.0 : भीलवाड़ा टेक्सटाइल उद्योग को मिलेगा बड़ा फायदा

- रेडीमेड गारमेंट 2500 रुपए तक अब सिर्फ 5 प्रतिशत टैक्स लगेगा

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GST 2.0: Bhilwara textile industry will get huge benefit

GST 2.0: Bhilwara textile industry will get huge benefit

केंद्र सरकार ने जीएसटी 2.0 के तहत टैक्स ढांचे को सरल करते हुए अब केवल दो स्लैब 5 और 18 प्रतिशत लागू करने की घोषणा की है। इस कदम से भीलवाड़ा का टेक्सटाइल उद्योग राहत की सांस ले रहा है। मेवाड़ चैंबर ऑफ कॉमर्स के महासचिव आरके जैन ने कहा कि जीएसटी युक्तिकरण से संरचनात्मक विसंगतियां दूर होंगी, लागत कम होगी और निर्यात में तेजी आएगी।

मेन मेड फाइबर और यार्न पर राहत

अब तक मेन मेड फाइबर पर 12 प्रतिशत और मेन मेड यार्न पर 18 प्रतिशत जीएसटी थी। जीएसटी 2.0 में दोनों की दरें घटाकर 5 प्रतिशत कर दी हैं। इससे भीलवाड़ा में मेन मेड यार्न और सूटिंग निर्माण की लागत में कमी आएगी। कॉटन और मेन मेड यार्न पर टैक्स बराबर होने से उद्योग को प्रतिस्पर्धात्मक लाभ मिलेगा। जैन ने बताया कि जीएसटी 2.0 का यह बड़ा सुधार भीलवाड़ा के टेक्सटाइल उद्योग को नई उड़ान देगा। लागत कम होने से मांग बढ़ेगी और निर्यात प्रतिस्पर्धा में भारत और मजबूत होगा।

उद्योग की मांग को मिली मंजूरी

भीलवाड़ा का टेक्सटाइल उद्योग वर्षों से यह मांग करता आ रहा था कि मेन मेड फाइबर और यार्न पर कॉटन के समान टैक्स लगाया जाए। अब यह बदलाव होने से 2.5 से 3 लाख टन मेन मेड यार्न का उत्पादन करने वाली स्पिनिंग मिलों को सीधा लाभ मिलेगा। वर्तमान में करीब 2000 करोड़ रुपए से अधिक का यार्न निर्यात होता है, इसमें और बढ़ोतरी की संभावना है।

रेडीमेड पर भी असर

ढाई हजार रुपए तक के रेडीमेड गारमेंट पर जीएसटी को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया है। इससे भीलवाड़ा में बने पीवी ब्लेंडेड सूटिंग और डेनिम जींस की मांग देशभर में बढ़ेगी। मेन मेड फाइबर पर टैक्स कम होने से टेक्निकल टेक्सटाइल में इस्तेमाल होने वाले सिंथेटिक वस्त्र सस्ते होंगे। इससे आयात पर निर्भरता घटेगी, स्वदेशी उत्पादों की प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।

जीएसटी 2.0 से टेक्सटाइल क्षेत्र को प्रमुख फायदे

  • मेन मेड फाइबर और यार्न पर जीएसटी घटकर 5 प्रतिशत की।
  • उत्पादन लागत में कमी, निर्यात में होगी बढ़ोतरी।
  • विसंगतियों से मुक्त संपूर्ण मूल्य श्रृंखला फाइबर से रेडीमेड तक बनेगी।
  • आयात निर्भरता कम, स्वदेशी तकनीकी वस्त्र को बढ़ावा मिलेगा।