अब तक केवल आइटीआर-1 व 4 तक सीमित इनकम टैक्स पोर्टल प्रदेश से अब तक 5.22 लाख रिटर्न फाइल, पिछले साल 10.18 लाख हुए थे फाइल आइटीआर अधिसूचना की रफ्तार धीमी, रिटर्न फाइलिंग की घड़ी तेज
आयकर विभाग की ओर से अब तक केवल आइटीआर-1 (सहज) और आइटीआर-4 (सुगम) को ही ई-फाइलिंग पोर्टल पर सक्रिय किया है। जबकि सात प्रकार के आयकर रिटर्न में से शेष पांच फॉर्म्स-आइटीआर-2, 3, 5, 6 और 7 अब तक उपलब्ध नहीं कराए गए हैं। आइटीआर-2 व 3 की केवल एक्सेल यूटिलिटी जारी की गई है। इसमें रिटर्न फाइल नहीं हो सकता। अंतिम तिथि 15 सितम्बर है। टैक्सपेयर्स, चार्टर्ड अकाउंटेंट्स (सीए) और टैक्स कंसल्टेंट्स के बीच चिंता बढ़ती जा रही है। प्रदेश में 5.23 लाख रिटर्न ही फाइल हुए हैं। पिछले साल प्रदेश से 10.18 लाख रिटर्न भरे गए थे।
आइटीआर-1 और 4 उन व्यक्तियों के लिए हैं, जिनकी आय वेतन, एक घर की संपत्ति और सीमित व्यावसायिक आय तक सीमित है। जबकि आइटीआर-2 उन करदाताओं के लिए आवश्यक होता है, जिनके पास एक से अधिक संपत्तियां या पूंजीगत लाभ हैं। आइटीआर-3 व्यवसाय या प्रोफेशन से आय वालों के लिए, आइटीआर-5 पार्टनरशिप फर्म्स, आइटीआर-6 कंपनियों और आइटीआर-7 ट्रस्ट व एनजीओ के लिए उपयोग में आता है। फॉर्म्स के कारण करदाताओं को समय पर रिटर्न भरना मुश्किल हो सकता है।
चार्टर्ड एकाउंटेंट्स की बढ़ी चिंता
सीए पीरेश जैन का कहना है कि आयकर विभाग को समय पर सभी आइटीआर फॉर्म्स उपलब्ध कराने चाहिए ताकि करदाता योजना अनुसार विवरण दाखिल कर सकें। इस बार फॉर्म्स की देरी से न केवल रिटर्न भरने की प्रक्रिया बाधित हो रही है, बल्कि टैक्स ऑडिट, बैलेंस शीट तैयारी और अन्य वैधानिक कार्यों पर भी असर पड़ रहा है। गत वर्ष अप्रेल-मई में ही सभी यूटिलिटी उपलब्ध हो गई थी।
समय सीमा और दबाव
आयकर विभाग ने पहले ही अंतिम तिथि को 31 जुलाई से बढ़ाकर 15 सितम्बर कर दिया है, लेकिन यदि शेष फॉर्म्स जल्द जारी नहीं किए गए, तो रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया में देरी और गलतियों की संभावना बढ़ सकती है।