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शहर में अतिक्रमण, जाम और नालियों की समस्या पर हाईकोर्ट सख्त

- कांग्रेस नेता शर्मा समेत तीन की पीआईएल पर नोटिस, आठ सप्ताह बाद होगी सुनवाई - रेलवे स्टेशन से गोल प्याऊ चौराहा तक सड़कें हुई संकरी, पैदल चलना भी मुश्किल

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शासन की लापरवाही पर कोर्ट ने दिखाई नाराज़गी, शासन पर 1000 रुपए का जुर्माना, कहा– अब देनी होगी पूरी प्रगति रिपोर्ट...(photo-patrika)

शासन की लापरवाही पर कोर्ट ने दिखाई नाराज़गी, शासन पर 1000 रुपए का जुर्माना, कहा– अब देनी होगी पूरी प्रगति रिपोर्ट...(photo-patrika)

भीलवाड़ा शहर में बढ़ते अतिक्रमण, यातायात जाम और नालियों की समस्या को लेकर राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर ने संज्ञान लिया है। कांग्रेस नेता दुर्गेश शर्मा सहित अन्य की ओर से दायर जनहित याचिका पर अदालत ने राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। मामले की अगली सुनवाई आठ सप्ताह बाद होगी।

इन विभागों को भेजे गए नोटिस

मुख्य न्यायाधीश की पीठ ने इस मामले में मुख्य सचिव, नगरीय विकास विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेट्री, भीलवाड़ा कलक्टर, पुलिस अधीक्षक, नगर निगम आयुक्त और सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। अदालत ने सभी विभागों को शहर की समस्याओं के समाधान पर विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए। याचिकाकर्ताओं ने न्यायालय को बताया कि रेलवे स्टेशन से गोल प्याऊ चौराहा तक की मुख्य सड़क पर अतिक्रमण की स्थिति गंभीर है। दुकानदारों और अतिक्रमणकारियों ने फुटपाथ और बरामदों तक कब्जा कर लिया। इससे पैदल चलना तक मुश्किल हो गया है। रोड की चौड़ाई 80 से 100 फीट थी, जो अब सिर्फ 40 फीट रह गई है। इसमें भी आधी सड़क पर वाहन खड़े कर देते हैं। इससे लगातार यातायात जाम की स्थिति बनी रहती है। याचिकाकर्ता दुर्गेश शर्मा ने बताया कि नगर निगम भीलवाड़ा अतिक्रमण हटाने के प्रति गंभीर नहीं है। निगम की ओर से बीच-बीच में औपचारिक अभियान चलाए जाते हैं, लेकिन कुछ ही दिनों में फिर से अतिक्रमण वापस हो जाता है।

जनहित में दाखिल की गई याचिका

यह जनहित याचिका दुर्गेश शर्मा, जवाहरनगर निवासी गोपाललाल सुथार और आटूण निवासी संजय पालीवाल ने अधिवक्ता कृष्णकांत व्यास के माध्यम से दायर की थी। न्यायालय ने 30 अक्टूबर को सभी पक्षों को नोटिस जारी किए और आठ सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।