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बिना पैसे कैसे चमकेंगे सरकारी स्कूल, बजट का अभाव

पंचायतों ने भी हाथ खड़े किए

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How will government schools shine without money, lack of budget

How will government schools shine without money, lack of budget

राज्य सरकार ने दीपावली से पहले सभी सरकारी स्कूलों को सजाने-संवारने के आदेश दिए हैं। शिक्षा विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि 18 अक्टूबर से दीपावली तक स्कूल भवनों पर लाइटिंग और विशेष सजावट की जाएगी, ताकि दीपोत्सव को पूरे उत्साह और उल्लास के साथ मनाया जा सके। खास बात यह है कि विद्यालयों के पास कोई बजट नहीं है। वही ग्राम पंचायतों को इसकी जिम्मेदारी दी गई है, लेकिन पंचायतों के पास भी रंग रोगन का बजट नहीं है। ऐसे में दीपावली से पहले रंग रोगन होना व रोशनी होना मुशिकल लग रहा है।

रंग-रोगन और सफाई कार्य

निर्देशों के अनुसार, 17 अक्टूबर तक सभी स्कूलों में रंग-रोगन, सफाई और मरम्मत कार्य पूरा करना होगा। इसके बाद 18 अक्टूबर से दीपावली तक स्कूलों में लाइटिंग की जाएगी। शिक्षा निदेशक सीताराम जाट ने आदेश में कहा गया है कि स्थानीय चित्रकारों से स्कूलों की पेंटिंग और सजावट करवाई जा सकती है, ताकि उन्हें भी रोजगार के अवसर मिले।

नहीं मिलेगा अतिरिक्त बजट

इस अभियान के लिए सरकार की ओर से कोई अतिरिक्त बजट आवंटित नहीं किया गया है। सीनियर सेकंडरी स्कूलों को निर्देश दिया गया है कि वे स्टूडेंट फंड से खर्च करें। प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों को समसा फंड या बैंक ब्याज राशि से यह कार्य करवाना होगा। वहीं, सामाजिक संस्थाओं और भामाशाहों से भी सहयोग लिया जा सकेगा।

हर रोज भेजनी होगी कार्य की फोटो

शिक्षा विभाग ने आदेश दिया है कि स्कूल प्रिंसिपल को रोजाना कार्य की रिपोर्ट भेजनी होगी। काम शुरू होने से पहले और बाद में फोटो लेकर यह दिखाना होगा कि स्कूल में क्या बदलाव आया है।

मध्यावधि अवकाश में होगा काम पूरा

राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 13 से 24 अक्टूबर तक मध्यावधि अवकाश रहेगा। इसी अवधि में स्कूलों में सफाई, मरम्मत और रंग-रोगन का कार्य पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं।

शिक्षकों की मिली-जुली प्रतिक्रिया

इस आदेश को लेकर शिक्षकों में मिश्रित प्रतिक्रिया सामने आई है। शिक्षक नीरज शर्मा ने आदेश को अव्यावहारिक बताते हुए शिक्षा निदेशक को पत्र लिखकर कार्य की समय सीमा बढ़ाने की मांग की है।

वहीं कुछ शिक्षकों का कहना है कि यह पहल विद्यालयों को स्वच्छ और सुंदर बनाने की दिशा में सराहनीय कदम है, लेकिन बजट का अभाव है। बिना बजट के रंग रोगन व दीपावली पर रोशनी कैसे होगी। वही संस्था प्रधान के बाहर अपने गांव जाने से स्कूल में रोशनी की व्यवस्था कौन देखेगा। इसे लेकर भी शिक्षकों में अलग-अलग राय मिली है।

इनका कहना है

बजट का अभाव, लेकिन काम प्राथमिकता से कराएंगे

ग्राम पंचायतों के पास बजट का अभाव है, लेकिन सरकार के आदेशों की पालना भी कराएंगे। जिन ग्राम पंचायतों के पास बजट है उन्हें निर्देश देकर प्राथमिकता के आधार पर कार्य करवाया जाएगा। सरकार की पहल अच्छी है।

करणसिंह प्रधान, पंचायत समिति कोटड़ी