
ना हटे अतिक्रमण और ना ही कचरा....भीलवाड़ा में कैसे बनेगा रिवर फ्रंट
भीलवाड़ा. नगर विकास न्यास की कार्यशैली कोठारी नदी के सौंदर्यीकरण की राह में रुकावट बनी है। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के आदेश के बावजूद न्यास कोठारी नदी पर रिवर फ्रंट की दिशा में आगे नहीं बढ़ रहा।
न्यास की 4 जनवरी को बोर्ड बैठक में रिवर फ्रंट की डीपीआर स्वीकृति का प्रस्ताव पारित हुआ लेकिन इसमें अब तक प्रगति नहीं हुई। हालांकि न्यास ने डीपीआर के लिए 88 लाख रुपए का प्रस्ताव जिला कलक्टर व न्यास अध्यक्ष के सामने रखा था। न्यास अध्यक्ष ने 50 लाख रुपए मंजूर किए। उल्लेखनीय है कि एनजीटी ने कोठारी नदी के किनारे से अतिक्रमण को हटाने, गंदगी व कचरा साफ करने तथा सौंदर्यीकरण के आदेश दिए थे।
हिस्सा तय नहीं
न्यास ने नदी किनारे अतिक्रमण हटा दिए लेकिन दोनों तरफ तारबंदी नहीं की। अब तक पौधरोपण भी नहीं हुआ। नदी में अब भी कई जगह स्थायी व अस्थायी अतिक्रमण है। कुछ लोगों ने ग्रीन बेल्ट के नाम से नदी क्षेत्र में अतिक्रमण कर रखा है। न्यास इसे हटाने के बजाय यह हिस्सा नगर परिषद का बताकर पल्ला झाड़ रहा है। वहीं परिषद का कहना है कि जमीन का आवंटन न्यास ने किया है तो परिषद का हिस्सा कैसे हो सकता है?
88 करोड़ में बनेगा रिवर फ्रंट
न्यास को कोठारी नदी पर जोधड़ास चौराहे स्थित हाइलेवल ब्रिज से आरजिया कोटा बाइपास तक तथा जोधड़ास हाइलेवल ब्रिज से सांगानेर निर्माणाधीन ब्रिज तक नदी के दोनों ओर 13 किमी लंबाई में रिवर फ्रंट बनाना है। सौंदर्यीकरण से जुड़े इस कार्य पर 88 करोड़ रुपए व्यय होने हैं।
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कोठारी रिवर फ्रंट
योजना : कोठारी रिवर फ्रंट सौंदर्यीकरण का काम
कहां से: जोधड़ास चौराहे पर हाइलेवल ब्रिज से सांगानेर रोड हाइलेवल ब्रिज तक एवं आरजिया कोटा बाइपास तक।
लंबाई: 13 किमी नदी के दोनों ओर।
लागत: 88 करोड़ रुपए।
डीपीआर राशि : 88 लाख रुपए
स्वीकृत: 50 लाख रुपए
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इनका कहना है-
कोठारी नदी में रिवर फ्रंट की डीपीआर का काम शेष है। जल्द ही इसके टैंडर करेंगे। नदी किनारे तारबंदी कर पौधरोपण किया जा रहा है।
योगेश माथुर, अधीक्षण अभियन्ता नगर विकास न्यास
Published on:
13 Sept 2023 01:14 pm
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