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भीलवाड़ा

I don’t feel like studying at home and school घर व स्कूल में नहीं लगता पढ़ाई में मन, तो फिर..

I don’t feel like studying at home and school, so then .. लिखने व पढऩे का जुनून कभी कम नहीं होता है। सुविधाएं नहीं होने की स्थिति में तीन दशक पहले पढ़ने के लिए बच्चे व युवा खेतों में पेड़ों की छांव, रातों में स्ट्रीट लाइट व लालटेन का सहारा लेते थे। वक्त बदला है तो जाहिर सुविधाएं भी बढ़ी। कई युवा अब पढ़ने के लिए एकांत के साथ ही इंटरनेट library की सुविधा तलाशने लगे हैं।

भीलवाड़ाMay 06, 2022 / 10:54 am

Narendra Kumar Verma

bhilwara library news

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नरेन्द्र वर्मा. भीलवाड़ा।I don’t feel like studying at home and school लिखने व पढऩे का जुनून कभी कम नहीं होता है। सुविधाएं नहीं होने की स्थिति में तीन दशक पहले पढ़ने के लिए बच्चे व युवा खेतों में पेड़ों की छांव, रातों में स्ट्रीट लाइट व लालटेन का सहारा लेते थे। वक्त बदला है तो जाहिर सुविधाएं भी बढ़ी। कई युवा अब पढ़ने के लिए एकांत के साथ ही इंटरनेट की सुविधा तलाशने लगे हैं। यदि घर में पढ़ाई नहीं हो पा रही तो शहर में निजी लाइब्रेरी library का चलन तेजी से बढ़ा है। पांच साल पहले शहर में गिनी चुनी लाईब्रेरी होती थी, लेकिन अब शहर में पचास से अधिक अत्याधुनिक सुविधा युक्त लाइब्रेरी मौजूद है।
संघ व राज्य लोकसेवा आयोग, राजस्व, पुलिस व शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेश में प्रतियोगी परीक्षाएं करवाने का सिलसिला शुरू हो चुका है। नीट, नीट पीजी, जेईई मेंस, सीए, रीट, आरएएस, कांस्टेबल, पटवारी, नर्सेज आदि प्रतियोगी परीक्षाओं में बड़ी संख्या में युवा हिस्सा ले रहे हैं। इनमें कई युवा परीक्षाओंं की तैयारी के लिए ऐसा माहौल तलाशते है, जहां कोई ध्यान भंग नहीं करे। इंटरनेट व एसी जैसी सुविधाएं मिले। ज्ञानवर्धक व परीक्षा से संबंधित जानकारी तुरंत मिल जाए। स्कूली व कॉलेज की परीक्षाओं की तैयारियों के लिए भी बच्चे व युवा ऐसे माहौल व सुविधा पसंद करते हैं। ऐसे में शहर में शिक्षण संस्थानों के आसपास व प्रमुख कॉलोनियों व बाजारों में लाइब्रेरी उपलब्ध है। library bhilwara
शहर में पचास से अधिक
लाइब्रेरी संचालक तरुण शर्मा बताते है कि शहर में करीब 50 लाइब्रेरी है। यहां नेट की सुविधा हो, किताबों व ज्ञान का खजाना एक स्थन पर मिलेगा। साथ बैठ कर पढ़ाई कर रहे हो, लेकिन आपसे में बातचीत नहीं हो। बात ना हो सके, इसके लिए एक दूसरे के बीच में पर्याप्त दूरी भी हो। यह तमाम सुविधाएं निजी स्तर पर लाइब्रेरी मुहैय्या करा रही है।
यहां पढ़ाई का माहौल
गरिमा राठी बताती है कि वह आरजेएस मैन की तैयारी कर रही है। ओमप्रकाश गुर्जर बताते है कि कांस्टेबल परीक्षा के दौरान लाइब्रेरी में घंटों पढ़ाई की। आज नौकरी कर रहा हूं। डॉ.ज्योति डाड बताती है कि दंत रोग में अब नीट पीजी की तैयारी यही कर रही हूं। राजेश सिंह ने बताया कि आरएएस की तैयारी के लिए लाइब्रेरी सबसे बेहतर स्थान है, यहां काफी शांति रहती है। पूजा चौहान कहती है कि रीट परीक्षा के लिए घंटों लाइब्रेरी बरेरी में पढ़ाई करती है। छात्र रमन बताते है कि स्कूल में पढ़ाई का माहौल नहीं मिल रहा है। घर में पढ़ाई नहीं होती है, ऐसे में वह यहां पढ़ने आ रहा है।
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