
If there is no water conservation then development is a dream: Sharma
भारत को 2047 तक सशक्त और विकसित राष्ट्र बनाना है तो सबसे पहले पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटना होगा। प्रकृति के साथ अन्याय मानव जीवन को ही नुकसान देगा। यह बात कोटा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. भगवती प्रसाद शर्मा ने कही। वे गुरुवार को एमएलवी कॉलेज में आयोजित राजस्थान भूगोल परिषद के 51वें राष्ट्रीय अधिवेशन के समापन सत्र को सम्बोधित कर रहे थे।
सौर ऊर्जा प्रदेश की ताकत
शर्मा ने कहा कि प्रदेश में सौर ऊर्जा की अपार संभावनाएं हैं। इन्हें समृद्ध करना ही भविष्य की असली ताकत होगी। पर्यावरणीय चुनौतियों को अवसर में बदलना हर नागरिक की जिम्मेदारी है।
शेख की स्मृति में विशेष व्याख्यान
परिषद की स्थापना 25 सितम्बर 1965 को भूगोल विभागाध्यक्ष प्रो. मोहियुद्दीन शेख ने की थी। इस बार हीरक जयंती वर्ष के अवसर पर उनकी स्मृति में व्याख्यान आयोजित हुआ। राजस्थान विश्वविद्यालय के प्रो. एचएस शर्मा ने कहा कि प्राकृतिक जल स्रोत खंडहर में बदल रहे हैं। वर्षा जल संरक्षण के लिए कठोर नीतियां जरूरी हैं।
शोध पत्रों से खुला शोध का खजाना
तकनीकी सत्र की अध्यक्षता प्रो. अनिल कुमार त्रिपाठी ने की। शाहपुरा के डॉ. दलबीर सिंह ने छात्रों का आपदा प्रतिक्रिया मूल्यांकन, अंटाली की डॉ. आरती माहेश्वरी ने पर्यावरणीय चुनौतियों का ऐतिहासिक अध्ययन, अजमेर के प्रवीण यादव ने ग्रामीण सेवा केंद्रों का भौगोलिक असर, विक्रम सिंह ने नर्मदा तटीय प्रदेश का मानव पर्यावरण तथा भीलवाड़ा के ओमप्रकाश कुमावत ने कोठारी नदी प्रदूषण व बजरी खनन के प्रभाव का अध्ययन विषय पर शोध पत्र पेश किया।
युवा ज्योग्राफर अवार्ड में चमके नए चेहरे
युवा ज्योग्राफर अवार्ड के लिए 11 प्रतिभागियों में कड़ा मुकाबला हुआ। इसमें प्रथम उर्मी शर्मा उदयपुर और मनुराज पुरोहित मांडलगढ़ संयुक्त रहे। द्वितीय गर्ल्स कॉलेज की सहायक आचार्य प्रगति पांडेय तथा तृतीय एमएलवी कॉलेज की निमिषा दाधीच रही। इन तीनों को सम्मानित किया।
नई कार्यकारिणी बनी
राजस्थान भूगोल परिषद की नई कार्यकारिणी बनी। इसमें एमएलवी कॉलेज के प्राचार्य प्रो. संतोष आनंद को अध्यक्ष, भूगोल विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. विजय कुमार सचिव, प्रो. कश्मीर भट्ट कोषाध्यक्ष और डॉ. श्यामसुंदर भट्ट को पुनः महासचिव चुना गया। आयोजन सचिव डॉ. कश्मीर भट्ट ने अतिथियों का स्वागत किया। संचालन डॉ. प्रवीण जोशी, डॉ. सुमित कच्छारा व नेहा आंचलिया ने किया। प्राचार्य डॉ. संतोष आनंद व सह सचिव डॉ. अश्विनी जोशी ने आभार जताया।
अधिवेशन के तीन बड़े संदेश
Published on:
26 Sept 2025 08:54 am
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