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समाज को कुछ देना है तो फल का त्याग कर बीज की तरह तपें और पेड़ बनें : कोठारी

जन-गण-मन यात्रा पर आए राजस्थान पत्रिका के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी, भीलवाडा के हरणी स्थित स्मृति वन में किया पौधरोपण

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समाज को कुछ देना है तो फल का त्याग कर बीज की तरह तपें और पेड़ बनें : कोठारी

समाज को कुछ देना है तो फल का त्याग कर बीज की तरह तपें और पेड़ बनें : कोठारी

भीलवाड़ा.

राजस्थान पत्रिका के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी ने बुधवार सुबह भीलवाड़ा के स्मृति वन में पौधारोपण किया। उन्होंने यहां कदम एवं बरगद के पौधे रोपे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि यदि समाज को कुछ देना है तो फल का त्याग कर बीज की तरह तपें और पेड़ बनें। पेड़ बनना है तो आपकी तैयारी हो, आप खुद बीज बनो और अपने लिए मत जिओ। ऐसा करेंगे तो फिर फल, छाया और घोंसले बनाने की जगह पूरे समाज को मिलेगी।
कोठारी ने कहा कि राजस्थान पत्रिका का हरयालो राजस्थान अभियान भी हर आदमी को मुझे गढऩा है और कुछ देना है, लेने का भाव नहीं रखने की सीख देता है। खुद के लिए जीना है तो दाता एक शब्द है, यह सीख वृक्ष से लेनी चाहिए। जिन्दगी भर दाता रहना है, लेना किसी से कुछ नहीं। यह है ताकत मतदाता की है और वह दाता ही इस देश को चलाएगा।
कोठारी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जिक्र करते हुए कहा कि मोदी के पीछे कौन है, यह दाता है। दाता यानि मतदाता की ताकत से मोदी पहचाने जा रहे हैं। उन्होंने जन-गण-मन यात्रा की चर्चा करते हुए कहा कि कुछ चीजें घर बैठकर नहीं देख सकते। जनता के बीच आए तो जमीनी हकीकत से रूबरू हो रहे हैं।
कोठारी ने कहा कि पहले से ही पत्रिका ने जागो जनमत अभियान चला रखा है। अभियान के तहत पहले चुनाव में ही राजस्थान में ढाई फीसदी मतदान बढ़ा। उन्होंने कहा कि यही तो दाताओं को बढ़ाने की ताकत हैं। चाहे पेड़ के हिसाब से बढ़ाओ या मत के हिसाब से, हम दाताओं को बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि लेने वालों को नहीं, बल्कि देने वालों को दुनिया याद करती है। कार्यक्रम में राजस्थान पत्रिका समूह के डिप्टी एडिटर (कंटेंट) भुवनेश जैन, पर्यावरणविद् बाबूलाल जाजू, गौरव जाजू, निखिल स्वामी डाड आदि मौजूद रहे।