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PATRIKA STING: बजरी पर रोक के सरकारी फरमान की हकीकत, 15 मिनट, 15 किमी और बजरी के 30 ट्रैक्टर

न सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की परवाह और न पुलिस और खान विभाग का डर

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Illegal gravel mining in bhilwara

Illegal gravel mining in bhilwara

जसराज ओझा/अरविंद हिरण. भीलवाड़ा।


न सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की परवाह और न पुलिस और खान विभाग का डर। अब तो दिन में ही बजरी का अवैध खनन और परिवहन हो रहा है। शहर के निकट मंगरोप थाना क्षेत्र से गुजर रही बनास नदी से बजरी जयपुर , दिल्ली व मुंबई भेजी जा रही है। यहां की बजरी बारीक है जो बड़ी बिल्डिंगों में काम आती है। पत्रिका टीम ने सोमवार को स्टिंग किया।

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पत्रिका टीम को हरणी महादेव से लेकर मंगरोप तक के 15 किलोमीटर के क्षेत्र में पहुंचने में 15 मिनट लगे। इस दौरान बजरी से भरे 30 ट्रेक्टर शहर में आते हुए मिले। पत्रिका टीम बनास नदी में पहुंची। यहां एकबारगी तो ट्रेक्टर संचालकों ने कैमरे को देखकर भागने का प्रयास किया, लेकिन जब फोटो खींचते हुए देखा तो उन्होंने रिपोर्टर व फोटो जर्नलिस्ट को घेरने का प्रयास किया। तभी कुछ ग्रामीण वहां आ गए। उन्हें देखकर ट्रेक्टर संचालक भागने लगे।

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पत्रिका टीम ने उनका पीछा किया तो पता चला कि नदी पर जांच के लिए पुलिस की चेक पोस्ट बनी हुई है। इसके बावजूद माफिया शहर में बजरी ला रहे हैं। नदी में खुदाई के लिए दिन में ही जेसीबी, एलएनटी व अन्य वाहन लगे रखे हैं। पुलिस व खान विभाग कुछ नहीं कर रहे है। जिला कलक्टर को भी एक टीम गठित करने के निर्देश मिले हैं लेकिन कुछ नहीं हो सका। टीम ने एक ट्रेक्टर संचालक से पूछा तो वह बोला,'' सबको साथ लेकर चलते हैं इसलिए हमारा कुछ नहीं होता है।


पुलिस पर उठाए सवाल, खुद चुप बैठा है खान विभाग

गत दिनों खान विभाग की ओर से बजरी के अवैध खनन की समीक्षा के बाद खान विभाग के अधिकारियों ने भी पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए है। उनका आरोप था कि कार्रवाई के लिए पुलिस का सहयोग नहीं मिलता है, वहीं खान विभाग के अधिकारी भी बजरी माफियाओं के हमले के डर से कार्रवाई से बच रहे हैं।


ट्रेक्टर के आगे चलते हैं मुखबिर
पत्रिका टीम ने मौके पर देखा कि बजरी के ट्रेक्टर एक साथ समूह में निकलते हैं। इनके आगे मुखबिर चलते हैं। ये लोग पुलिस या खान विभाग के अधिकारी के होने की सूचना देते हैं। हालांकि बजरी के इस अवैध कारोबार की पुलिस और खनिज विभाग को जानकारी है लेकिन दिखावे के लिए नाममात्र की कार्रवाई की जा रही है।


दिन में करते हैं स्टॉक, रात को लोडिंग
पत्रिका टीम ने ट्रेक्टरों के रूट का पता किया तो सामने आया कि इन लोगों ने शहर में यार्ड बना रखे हैं। यहां बजरी के ढेर लगे हैं। यहां से रात को ट्रकों और डम्परों में भरकर जयपुर, दिल्ली व मुंबई भेजते हैं। गत दिनों जयपुर में भी पुलिस पूछताछ में सामने आया था कि बजरी भीलवाड़ा से आ रही है। यहां अभी ट्रेक्टर ट्रॉली के 2500 से तीन हजार रुपए लिए जा रहे हैं। शहर के नजदीक होने पर दो हजार रुपए लिए जाते हैं। खान विभाग पकड़े जाने पर टे्रक्टर ट्रॉली पर 27 हजार 500 रुपए जुर्माना लेता है फिर भी कोई परवाह नहीं है।

कार्रवाई करेंगे
सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की पालना में बजरी के अवैध खनन व परिवहन पर रोक के निर्देश दे रखे हैं। फिर भी किसी क्षेत्र में कारोबार हो रहा है तो टीम भेजकर कार्रवाई कराई जाएगी।
शुचि त्यागी, जिला कलक्टर