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बरसात में भी बजरी का अवैध खनन जारी, सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद नदियों में चल रही मशीनें

- बनास नदी में बेखौफ खनन, लीज के नाम पर हो रहा नियमों का खेल - राजस्व, पुलिस व खनिज विभाग अधिकारियों पर मिलीभगत का आरोप

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Illegal mining of gravel continues even in rainy season, machines are running in rivers despite Supreme Court's ban

Illegal mining of gravel continues even in rainy season, machines are running in rivers despite Supreme Court's ban

भीलवाड़ा बरसात का मौसम है, नदियों में पानी का बहाव है। इसके बावजूद जिले की बनास नदी में अवैध बजरी खनन थमने का नाम नहीं ले रहा। सुप्रीम कोर्ट की रोक और खनिज विभाग के दिशा-निर्देशों को ताक पर रखकर बनास नदी से तीन मीटर से अधिक गहराई तक बजरी निकाली जा रही है। खनिज विभाग के अनुसार जिले में रायपुर, आसींद और बिजयनगर क्षेत्र में बजरी की लीज स्वीकृत हैं, लेकिन खनन इन्हीं के नाम पर जिलेभर की बनास नदियों से किया जा रहा है। बनास नदी में तो भारी मशीनरी पोकलेन लगी है जो ट्रैक्टर-ट्रॉली में खुलेआम दिन-रात बजरी भरने का काम कर रहे हैं। इस बात का खुलासा डीएसटी टीम ने कारोई थाने के दूडिया स्थित बनास नदी में अवैध बजरी का दोहन करते 15 ट्रैक्टर-ट्रॉली, 3 जेसीबी तथा एक लोडर को जब्त किया है।

बरसात में प्रतिबंधित, फिर भी खनन

प्राकृतिक नियमों और सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार बरसात के समय नदियों में किसी भी प्रकार से खनन करना प्रतिबंधित है। ताकि नदी की धारा और पर्यावरण तंत्र सुरक्षित रह सके। बावजूद इसके खनिज विभाग की मिलीभगत से खनन माफिया बेखौफ हैं।

शिकायतों के बाद भी कार्रवाई नहीं

ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस और खनिज विभाग की जानकारी के बिना ये संभव नहीं है। बड़े-बड़े वाहन सीधे नदी के भीतर घुसते हैं और रातभर खनन होता है। उसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जाती है।

इन क्षेत्रों से बजरी जा रही चित्तौेड़

बनास नदी में बजरी की लीज नहीं होने के बावजूद जवासिया, भैसाकुंडल, खेड़ा बरडोद समेत अन्य क्षेत्र से बजरी का अवैध दोहन हो रहा। जवासिया से यह बजरी चित्तौड़गढ़ जा रही है। जबकि खेड़ा बरडोद से अवैध बजरी भीलवाड़ा में आ रही। जवासिया से चित्तौड़गढ़ की सीमा मात्र एक किलोमीटर होने से बजरी माफिया बेखौफ होकर खनन कर रहे हैं।

जिम्मेदारी तय नहीं, नियमों की उड़ रही धज्जियां

  • - 3 मीटर से अधिक खुदाई: सुप्रीम कोर्ट की तय सीमा को लांघते हुए गहराई तक बजरी निकाली जा रही है।
  • - राॅयल्टी चोरी: अधिकांश बजरी बिना रॉयल्टी के बेची जा रही। सरकार को राजस्व का भी नुकसान हो रहा है।
  • - प्रशासन मौन: स्थानीय प्रशासन, खान विभाग और पुलिस की ओर से छोटी-मोटी कार्रवाई की जाती है, लेकिन बजरी माफिया के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं हुई है।
  • - जनता और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले अवैध खनन पर अब तक कई एफआईआर दर्ज तो हुई, लेकिन कुछ माह बाद उसमें एफआर लग रही।
  • - मशीनरी जब्त तो की जाती है, लेकिन कोई जुर्माना वसूल नहीं होता है।

टीम भेजकर करेंगे कार्रवाई

बजरी का अवैध खनन की सूचना मिलने पर लगातार कार्रवाई कर रहे है। दुडिया, जवासिया, भैसाकुंडल व खेडा़ बरडोद में बनास नदीं में अवैध खनन हो रहा है तो टीम भेजकर कार्रवाई की जाएगी।

विजयशंकर जयपाल, कार्यवाहक खनिज अभियंता भीलवाड़ा