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स्पिनिंग मिलों पर हर साल 150 से 200 करोड़ की मार

विस्कॉस से यार्न बनाने वाली स्पिनिंग मिलेंं तथा उद्यमी इम्पोर्ट विस्कॉस से ड्यूटी हटाने की मांग करने लगे हैंं

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स्थानीय बाजार को बढ़ावा मिले और एक्सपोर्ट बढ़े, इसलिए इम्पोर्ट फेब्रिक पर ड्यूटी लगाने की मांग लगातार होती रही है। लेकिन अब विस्कॉस से यार्न बनाने वाली स्पिनिंग मिले तथा कपड़ा बनाने वाले उद्यमी इम्पोर्ट विस्कॉस से ड्यूटी हटाने की मांग करने लगे है।

भीलवाड़ा।
स्थानीय बाजार को बढ़ावा मिले और एक्सपोर्ट बढ़े, इसलिए इम्पोर्ट फेब्रिक पर ड्यूटी लगाने की मांग लगातार होती रही है। लेकिन अब विस्कॉस से यार्न बनाने वाली स्पिनिंग मिले तथा कपड़ा बनाने वाले उद्यमी इम्पोर्ट विस्कॉस से ड्यूटी हटाने की मांग करने लगे है।

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विस्कॉस का उत्पादन करने वाली देश की एक बड़ी मिल चाहती हैं कि ड्यूटी लगी रहे, ताकि उनका माल स्थानीय बाजार में बिकता रहे। भीलवाडा जिले में एक भी विस्कॉस उत्पादक नहीं है। इसके कारण ग्रेसियम कम्पनी से ही विस्कॉस खरीदना पड़ता है। इस मिल का माल देश के हर टेक्सटाइल क्षेत्र में जाता है। इस कम्पनियों का एकाधिकार होने से विस्कॉस पर इंपोर्ट व एंटी डंपिंग ड्यूटी केन्द्र सरकार ने लगा रखी है। इसके चलते राजस्थान में संचालित तीन दर्जन स्पिनिंग मिलों को इन दोनों मिलों से ही धागा (यार्न) बनाने के लिए कच्चा माल विस्कॉस खरीदना पड़ता है।

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इण्डोनेसिया व चीन से माल मंगवाने पर 20 से 25 रुपए किलोग्राम का अन्तर आता है। ऐसे में स्पिनिंग मिलों को हर वर्ष 150 से 200 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार वहन करना पड़ रहा है। इसका असर विविंग उद्योगों पर भी पड रहा है। यार्न महंगा मिलने से कपड़ा की लागत भी बढ़ रही है।


2 लाख टन पीवी यार्न की खपत
मेवाड़ चेम्बर के अनुसार भीलवाड़ा जिले में 18 स्पिनिंग मिले संचालित है। इनमें करीब 2 लाख टन पीवी यार्न का उत्पादन कर रहे है। इसके लिए 50 हजार टन विस्कॉस की जरूरत है। विश्व बाजार में विस्कॉस की सामान्य दर 122 रुपए प्रति किलोग्राम है। जबकि ग्रेसियम कम्पनी की दर 140 से 145 रुपए प्रति किलोग्राम है। ऐसे में स्थानीय स्पिनिंग मिलों को 20 रुपए किलो की दर से अधिक राशि देनी पड़ रही है। देश में आठ अगस्त 2016 से इंपोर्ट व एंटी डंपिंग ड्यूटी पांच साल के लिए लगाई गई है। लेकिन इण्डियन स्पिनर्स एसोसिएशन ने केन्द्र सरकार से इस ड्यूटी को हटाने की मांग की है। इसे लेकर मई माह में होने वाली बैठक में मंथन हो सकता है। मेवाड़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स के महासचिव आरके जैन ने भी टेक्सटाइल मंत्रालय को पत्र लिखकर विस्कॉस से इंपोर्ट व एंटी डंपिंग ड्यूटी हटाने की मांग की है।