
69 ए में परिषद ने जारी नहीं किया एक भी पट्टा
भीलवाड़ा।
प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत राज्य सरकार जिस 69 ए को जादुई धारा समझ रही थी और लाखों पट्टे जारी करने के दावे किए जा रहे थे। वह शहर में अब तक बेअसर साबित हुई है। नगर परिषद इस धारा के तहत अभियान के एक महीने बाद भी एक भी पट्टा जारी नहीं कर पाई है। अभियान के दौरान न परिषद के इस धारा के तहत पट्टे जारी करने को लेकर अधिक प्रयास नजर आ रहे हैं और ना ही आमजन का रुझान भी अब तक इस धारा के पक्ष में नजर आया है। शहर का परकोटा क्षेत्र इस धारा के तहत पट्टे जारी करने के लिए अनुकूल है। हजारों पट्टे जारी करने की संभावना भी है, लेकिन निगम 69 ए के तहत पट्टे जारी करने में फिसड्डी साबित हुआ है। अभियान के दौरान 69ए के तहत नगर परिषद को रियासतकालीन व दशकों पुराने पट्टों के बदले पट्टे जारी करने हैं।
लक्ष्य 5 हजार पट्टों का जारी हुए शून्य
प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत नगर परिषद को 5 हजार पट्टे जारी करने का लक्ष्य आंवटित हो रखा है। निगम के पास सर्वाधिक क्षेत्र परकोटा क्षेत्र है। इसमें 69ए के तहत पट्टे जारी होने हैं। 2 अक्टूबर से अब तक करीब 3८ दिनों में परिषद एक भी पट्टा जारी नहीं कर पाया है। हालांकि परिषद अधिकारी 69ए के तहत आवेदन प्राप्त होने की बात कह रहे हैं, लेकिन पट्टे कब तक जारी होंगे इस पर अधिकारी स्पष्ट कहने से बच रहे हैं।
आवासीय पट्टे अब 501 रुपए में मिलेंगे
सरकार ने 2 अक्टूबर 1959 से पूर्व की शहरी परकोटे की चारदीवारी क्षेत्र की आबादी में 69ए कैटेगरी के सभी प्रकार के आवासीय पट्टों का शुल्क अब मात्र 501 रुपए निर्धारित कर दिया है। अब 69ए कैटेगरी पट्टों के लिए अलग-अलग शुल्क न होकर एक ही राशि निर्धारित जमा की जाएगी। राज्य सरकार के स्वायत्त शासन विभाग ने संशोधित गाइडलाइन जारी कर दी है। इस संशोधन का बड़ा फायदा उन लोगों को होगा, जिनके द्वारा अभी तक 69ए की अलग-अलग कैटेगरी के पट्टों का शुल्क अलग-अलग होने से राशि ज्यादा होने से जमा नहीं कराई जा सकी थी।
गैर कृषि खातेदारी भूमि का पट्टा
शहरी क्षेत्रों में गैर कृषि खातेदारी भूमि जिस पर निर्माण हो चुका है, उस पर निर्मित मकान का 50 रुपए प्रति वर्गमीटर का शुल्क लेकर पट्टा दिया जाएगा। इसके लिए न्यूनतम शुल्क बीस हजार रुपए होगा। स्वायत्त शासन विभाग ने शहरी आबादी को पट्टे देने के लिए शुल्क निर्धारित कर दिया है। पालिका अधिनियम की धारा 69ए के तहत पूर्व राजा महाराजाओं, उनके परिवार के सदस्यों, पूर्व जागीरदारों की ओर से स्वयं के स्वामित्व की भूमि का भूखंडों के रूप में दो अक्टूबर 1959 के बाद और एक जनवरी 1992 से पूर्व विक्रय किया है तो आवासीय व संस्थानिक उपयोग के पट्टा 50 रुपए प्रति वर्गमीटर की दर से मिलेगा। मिश्रित प्रयोजनार्थ शुल्क 100 रुपए प्रति वर्गमीटर और व्यावसायिक व होटल श्रेणी में शुल्क 150 रुपए प्रति वर्गमीटर तय किया गया है। आवासीय, संस्थानिक व मिश्रित श्रेणियों में नियमन की राशि अधिकतम पांच लाख रुपए और व्यावसायिक व होटल के लिए यह राशि अधिकतम 10 लाख रुपए होगी। अगर कोई 99 साल लीजडीड का आदेश सरेंडर कर पट्टा प्राप्त करता है तो बकाया लीज राशि एवं दस साल की एकमुश्त लीज राशि देकर पट्टा ले सकेगा।
Published on:
11 Nov 2021 09:18 am
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