
Midnight incident at Swasti Dham in Jahazpur: absconding with Aura Mandal and Sriyantra worth Rs. 1.25 crore
भीलवाड़ा जिले के जहाजपुर के प्रसिद्ध स्वस्ति धाम में गुरुवार रात चोरी की बड़ी वारदात हुई। यहां दर्शन के बहाने मंदिर में घुसा युवक पट बंद होने तक छत पर छिप गया। आधी रात भगवान की प्रतिमा के समक्ष हाथ जोड़कर एक किलो तीन सौ ग्राम सोने का आभा मंडल और तीन किलो चांदी ले गया। करीब सवा करोड़ की सामग्री लेकर दुपट्टे के सहारे रोशनदान से फरार हो गया। सुबह वारदात का पता चलने पर सनसनी फैल गई। घटनाक्रम मंदिर परिसर में लगे सीसी कैमरे में कैद हुई। पुलिस व एफएसएल टीम ने घटनास्थल का दौरा किया। जहाजपुर पुलिस मामला दर्ज कर संदिग्ध युवक का पता कर रही है।
थानाप्रभारी राजकुमार नायक ने बताया कि रात आठ बजे जहाज जैन मंदिर में दर्शन के बहाने एक युवक घुसा। दर्शन के बाद मंदिर के छत पर चला गया। रात दस बजे मंदिर के पट बंद कर दिया। देर रात बारह बजे युवक छत से नीचे आया। भगवान मुनि सुव्रतनाथ की प्रतिमा के आगे हाथ जोड़ा। उसके बाद प्रतिमा के पीछे लगे 1.305 किलो ग्राम सोने से निर्मित आभा मंडल व 3 किलो चांदी से निर्मित बेशकीमत कछुआ, श्रीयंत्र समेत अन्य सामग्री चुरा लिए।
गर्भगृह के रोशन पर बांधी चुन्नी, नीचे उतर कर भागा
सामग्री चुराने के बाद सफेद शर्ट और नीली पेंट पहना युवक गर्भगृह में गया। वहां रखी चुन्नी से रोशनदान पर फंदा लगाकर नीचे उतर कर भाग गया। सुबह आठ बजे श्रावक पूजा-अर्चना के लिए वहां पहुंचे तो चोरी की जानकारी लगी। स्वस्ति धाम दिगंबर जैन मंदिर कमेटी सदस्य और बड़ी संख्या में समाज के लोग भी वहां पहुंचे। शाहपुरा एएसपी राजेश आर्य, जहाजपुर डीएसपी नरेन्द्र पारीक व थानाप्रभारी मंदिर पहुंचे और घटनक्रम की जानकारी ली। जिला मुख्यालय से एफएसएल और एमओबी टीम ने घटनास्थल पर पहुंच साक्ष्य एकत्र किए। पुलिस ने वहां लगे सीसी कैैमरे को खंगाला। घटनाक्रम पूरा सीसी कैमरे में कैद हुआ।
खेत के रास्ते भागा, नंगे पैर के फुटेज मिले
सीआई नायक ने बताया कि मंदिर के पीछे खेत से चोर भागा। नंगे पैर के फुटेज मिले है। संदिग्ध ने मंदिर के बाहर ही चप्पल खोल दी थी। फुटेज के आधार पर आरोपी की पहचान के प्रयास किए जा रहे हैं।
वर्ष-2013 में भू गर्भ से प्रकट हुई प्रतिमा
भगवान मुनि सुव्रत नाथ की प्रतिमा महावीर जयंती के दिन 23 अप्रेल 2013 को जहाजपुर में मुस्लिम परिवार के घर की नींव खुदाई के दरम्यान भूगर्भ से निकली थी। उसके बाद स्वस्ति भूषण माताजी ने प्रतिमा के लिए जहाजपुर के नाम से जहाज मंदिर बनाने का प्रण लिया और 8 फरवरी 2020 को जहाज मंदिर की नींव रखी गई।
Published on:
23 May 2025 09:10 pm
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