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पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर चातुर्मास मंगल कलश की स्थापना

मुनि अनुपम सागर व मुनि निर्मोह सागर का मिला सान्निध्य

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Installation of Mangal Kalash in Parshvanath Digambar Jain Temple for Chaturmas

Installation of Mangal Kalash in Parshvanath Digambar Jain Temple for Chaturmas

भीलवाड़ा के शास्त्रीनगर स्थित सूर्यमहल में रविवार को चातुर्मास मंगल कलश स्थापना का आयोजन मुनि अनुपम सागर एवं मुनि निर्मोह सागर के सान्निध्य में संपन्न हुआ। मुनि अनुपम सागर ने कहा कि चातुर्मास धर्म ध्यान एवं तप त्याग की दृष्टि से एतिहासिक बने ऐसी भावना हमे रखनी है। मुनि अनुपम सागर के सांसारिक पिता विनोद जैन, भाई अटल जैन, पूर्वी जैन, साक्षी जैन ने भीलवाड़ा समाज की धर्म के क्षेत्र में दी जा रही सेवा भक्ति की सराहना की। इससे पूर्व सुपार्श्वनाथ मंदिर से मुनि ससंघ के सान्निध्य में सूर्यमहल तक शोभायात्रा निकाली गई। मीडिया प्रभारी भागचंद पाटनी ने बताया कि मुख्य कलश रतनलाल, विकास, मनोज कोठारी बिजयनगर ने प्राप्त किया। सम्यक दर्शन कलश राकेश हिमांशु पाटनी, सम्यक ज्ञान कलश गुलाबचंद मनीष नीरज शाह , सम्यक चरित्र कलश संतोष नीरज बड़जात्या, सम्यक रत्न त्रय कलश मनोहरदेवी विनोद सोमेश ठग, भगवान सुपार्श्वनाथ कलश रोहित गंगवाल, जिन-भारती कलश विमलकुमार शकुतंला नितेश गंगवाल ने प्राप्त किया। समारोह में कुल 125 मंगल कलश स्थापित किए गए। अनुपम सागरजी का पाद प्रक्षालनसुकुमाल भगवतीलाल जयकुमारलुहाड़िया एवं मुनि निर्मोहसागर का पाद प्रक्षालन मनोहरदेवी विनोद,रेखा,कमलेश,सोमेश, सुधा,वत्सल, हितवी ठग ने प्राप्त किया। इस अवसर पर मुनि अनुपम सागरजी के सांसारिक पिता विनोद जैन,भाई अटल जैन,परिजन पूर्वी जैन,साक्षी जैन ने मंच पर आकर भीलवाड़ा समाज की धर्म के क्षेत्र में दी जा रही सेवा भक्ति की सराहना की।

महावीर दिगम्बर जैन सेवा समिति के अध्यक्ष राकेश पाटनी ने सभी का आभार जताया। संचालन पंडित आशुतोष जैन एवं पदमचंद काला ने किया।