
Bhilwara News: एक साल पहले बने शाहपुरा के जिले का दर्जा छीनने का खतरा है। नए जिले को लेकर जोश एवं उत्साह भी अब ठंडा पड़ता दिख रहा है। दरअसल, शाहपुरा पुलिस अधीक्षक राजेश कावंट का रविवार रात तबादला कर दिया गया। लेकिन, उनकी जगह कोई नया आईपीएस नहीं लगाया गया।
फिलहाल, भीलवाड़ा एसपी को शाहपुरा का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है। यहीं वजह है कि जानकार इसे नए जिले में अस्तित्व पर खतरे का संकेत मान रहे हैं। गौरतलब है कि भारतीय प्रशासनिक सेवा व भारतीय पुलिस सेवा के तबादला सूची में नए जिलों में बड़े फेरबदल शामिल है। कई नए जिलों में कलक्टर व एसपी के बदले जाने के बाद यहां नए अधिकारी नहीं लगाए गए। पुराने जिलों के कलक्टर व एसपी को ही नए जिलों का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा है। नए बने शाहपुरा, गंगापुर सिटी, केकड़ी व सांचोर जिले में एसपी का तबादला हुआ लेकिन नए पुलिस अधीक्षक नहीं लगाए।
भीलवाड़ा-शाहपुरा सांसद दामोदर अग्रवाल का कहना है कि शाहपुरा जिले को लेकर अभी कोई अपडेट नहीं है। इस बारे में किसी से चर्चा नहीं हुई। यहां के एसपी का पद रिक्त होने के बाद चार्ज संभवत किसी कारणवश भीलवाड़ा पुलिस अधीक्षक को दिया गया होगा। शाहपुरा अभी भी जिला ही है।
शाहपुरा विधायक लालाराम बैरवा का कहना है कि जनता और हम चाहते हैं कि शाहपुरा जिला बना रहे। ये जिला होने के सभी मानदंड पूरे कर रहा है। विरासत काल के दौरान शाहपुरा जिला था। भौगोलिक व आर्थिक स्वरूप भी जिले के अनुरूप है। सरकार की पॉलिसी क्या है, वह बात अलग है। जनता की यही मांग है कि शाहपुरा जिला रहे।
राज्य सरकार ने वर्ष 2023 की बजट घोषणा के अनुरूप गत वर्ष भीलवाड़ा जिले से शाहपुरा, कोटड़ी व जहाजपुर उपखंड को तोड़ कर शाहपुरा जिला बनाया था। अगस्त 2023 में जिले की अधिसूचना जारी की। जिला बने एक साल से अधिक हो गया, लेकिन प्रशासनिक ढांचा उम्मीद के मुताबिक नहीं बन सका।
पूर्ववर्ती सरकार के बनाए 19 जिलों में शाहपुरा समेत नौ जिलों के वजूद को लेकर भाजपा सरकार के गठन के साथ ही विवाद शुरू हो गया। सरकार ने नए जिलों की समीक्षा के लिए कमेटी बनाई। इसके मुखिया कैबिनेट मंत्री मदन दिलावर है। पूर्व आईएएस अधिकारी ललित पंवार की अगुवाई में टीम नए जिलों की समीक्षा कर रिपोर्ट दे चुकी है।
Published on:
24 Sept 2024 01:08 pm
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