
It is difficult to walk in the narrow streets, what if an accident happens...!
भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने संभावित युद्ध की स्थिति के मद्देनजर सात मई को मॉक ड्रिल करने के निर्देश दिए हैं। इनमें राजस्थान के 28 शहरों में भीलवाड़ा का नाम भी शुमार है। हकीकत यह है कि अजमेर में हुए अग्निकांड जैसा हादसा टेक्सटाइल सिटी में हो जाए तो उससे निपटने के साधन तक नहीं हैं। वस्त्रनगरी में कई क्षेत्रों में तंग गलियों में भी मल्टीस्टोरी भवन बने हैं। यदि कोई हादसा हो जाए तो दमकल पहुंचने तक के इंतजाम नहीं हैं। बड़ा सवाल यह है कि इन गलियों में बहुमंजिला भवनों की स्वीकृति किस आधार पर जारी की गई। जहां बेसमेंट में पार्किग छोड़ रखी थी वहां पर आज दुकानें बन गई हैं। ऐसे में वाहनों को दुकानों के बाहर खड़ा करना पड़ रहा है।
ऐसे में दोनों ओर वाहन खड़े होने से दमकल के पहुंचने की संभावना भी नहीं रहती। कई भवन तो ऐसे हैं जहां फायर सिस्टम भी नहीं है। इससे पहले भी जब-जब बहुमंजिला भवनों में अग्निकांड हुआ तो नगर निगम व प्रशासन की ओर से अभियान शुरू कर खानापूर्ति कर ली जाती है।
नहीं पहुंच सकती दमकल
शहर के टेक्सटाइल मार्केट में कई ऐसे बाजार हैं जहां बेसमेंट में पार्किंग बता रखी है। इसके आधार पर निगम ने निर्माण स्वीकृति दी थी, लेकिन अधिकारियों की मिलीभगत से बेसमेंट में दुकाने बन गईं। पार्किंग सड़क पर आ गई। सर्राफा बाजार के सुनारों की गली व नागौरी मोहल्ला में तो दुपहिया वाहन निकालना तक मुश्किल हैं। इन बाजारों में प्रतिदिन करोड़ों का कारोबार होता है। हालात यह है कि यदि कोई अग्निकांड हुआ तो दमकल भी नहीं जा सकती। निगम ने कुछ साल पहले तलघरों का सर्वे कराया था। इसमें सामने आया था कि 50 से अधिक ऐसे तलघर हैं जहां अनुमति पार्किग के लिए दी थी। लेकिन उपयोग व्यावसायिक गतिविधियों में हो रहा है। प्रशासन कई बार मॉक ड्रिल करवाता है लेकिन ऐसी जगह को नहीं चुना जाता। जबकि तंग गलियों में बने बाजार में मॉक ड्रिल कराना जरूरी है।
ज्वलनशील सामग्री
मार्केट में कपड़ा, प्लास्टिक, रसायनों आदि की ज्वलनशील सामग्री होने से आग जल्दी फैलती है। दमकल के लिए आग पर काबू पाना मुश्किल होता है। कई जगह उचित वेंटिलेशन नहीं होने से धुआं भर सकता है। दमकल के लिए दृश्यता कम हो जाती है और आग पर काबू पाना मुश्किल होता है। कई बाजारों में अग्निशामक यंत्र तक नहीं होते हैं। इससे आग पर जल्दी काबू पाना मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा बाजार में पोल पर विद्युत तारों का जंजाल आग का कारण बन रहे है।
Published on:
07 May 2025 09:51 am
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