
समानांतर अदालत लगाकर हत्या के आरोपित पर 1 लाख 11 हजार रुपए का जुर्माना लगाकर क्लीन चिट दे दी।
ब्राह्मणों की सरेरी।
पत्नी की हत्या के मामले में पुलिस ने अभी चालान भी पेश नहीं किया। उसी मामले में पंचों ने अजीबोगरीब फरमान सुना दिया। समानांतर अदालत लगाकर हत्या के आरोपित पर 1 लाख 11 हजार रुपए का जुर्माना लगाकर क्लीन चिट दे दी। सुनने में बढ़ा अजीब लग रहा, लेकिन सालवी समाज के पंचों ने समाज को भी चौका दिया। इस फैसले के खिलाफ अब समाज के नवयुवक लामबद्ध हो गए। उन्होंने फैसले का विरोध करते हुए उसे मानने से इनकार कर दिया।
READ: मौनी अमावस्या पर मंदिर में उमड़े दर्शनार्थी, दर्शनों के लिए लगी कतारें
जिले की करेड़ा तहसील के गोराणा स्थित प्रसिद्ध धर्मस्थल गोराणा धूणी पर 4 जनवरी को सालवी समाज की जाति पंचायत हुई। अध्यक्षता धनराज जोगचंद ने की। समाज के कुछ पंच आए। इसमें कुछ सरकारी कर्मचारी थे तो कुछ जनप्रतिनिधि। पंचायत ने फैसला सुनाया। आरोपित के परिवार से तत्काल 71 हजार रुपए भी वसूल लिए। उसे क्लीन चिट दे दी। पंचों के फैसला का विरोध हुआ तो जुर्माना लौटाने की बात कर रहे हैं।
मालूम हो, 17 नवम्बर 2017 को गाजूणा के किशनलाल उर्फ कन्हैया मेघवंशी ने गायत्रीनगर स्थित पत्नी की बहन के घर रह रही पत्नी चंदा का चाकू से गला रेतकर हत्या कर दी। पत्नी की बहन पर भी हमला किया। प्रतापनगर पुलिस ने आरोपित किशन को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। मामले में चालान पेश नहीं किया। इससे पहले चंदा ने ससुर हीरालाल, पति, ननद के खिलाफ महिला थाने में दहेज प्रताडऩा का मामला दर्ज कराया था। आरोप लगाया कि ससुराल वालों ने दहेज के लिए मारपीट कर दो बच्चों समेत उसे घर से निकाल दिया। आरोपितों के खिलाफ महिला थाना पुलिस ने कोर्ट में चालान पेश किया। मामला कोर्ट में है।
तर्क-छूटने पर मिल सकें मान
मामले को लेकर सालवी समाज के पंचों की बैठक हुई। इसमें दहेज प्रताडऩा व हत्या मामले में ससुराल पक्ष के सभी नामजद लोगों को बरी करने का निर्णय लिया गया। साथ ही पंचों ने इन्हें क्लीन चिट दे दी। बतौर जुर्माना 71 हजार रुपए पहली किस्त के रूप में बैंक में जमा कराए। शेष राशि जमा कराने के लिए आरोपितों को पंचों ने एक माह की मोहलत दी। फैसला देते समय तर्क दिया कि किशन जेल से बाहर आएगा तो उसे समाज में पूरा मान-सम्मान मिल सकें।
6 दिन बाद पीडि़तों को खबर
पंचों ने यह एकतरफा फैसला गुपचुप रूप से लिया। इसी समाज में सुधार से जुड़े युवाओं को इस निर्णय से दूर रखा। बैठक में पीडि़त पक्ष को बुलाया ही नहीं गया। मृतका चंदा के परिजनों को पंचों के फैसले की खबर छह दिन बाद लगी। समाज के युवाओं ने पंचों के इस फैसले को कलंकित करने वाला बताया। साथ ही फैसला मानने से मना कर दिया। मेघऋषि नवयुवक मंडल अध्यक्ष जगदीश चौहान व सचिव धनराज चनिया ने फैसले को महिला विरोधी बताया।
विरोध शुरू, लौटाएंगे
पंचों की बैठक में हत्या के आरोपित और पिता पर जुर्माना लगाया था। अब समाज के लोग विरोध कर रहे है। जुर्माने की जमा राशि लौटाई जाएगी।
डाऊ राम सालवी, पंच सिलौटी परगना सालवी समाज
43 गांवों का फैसला
यह मेरा अकेला का नहीं, 43 गांवों के समाज के पंचों का निर्णय है। समाज को निर्णय मानना चाहिए। किसी को आपत्ति है तो वह 21 जनवरी को पंचों की बैठक में बात रख सकता है।
धनराज जोगचंद, अध्यक्ष, सिलौटी परगना सालवी समाज
मुझे जानकारी नहीं...
क्षेत्र में समाज पंचायत की मुझे जानकारी नहीं है। अगर कोर्ट के निर्णय से पहले पंच फैसला करते है तो गलत है। एेसे लोगोंपर मुकदमा दर्ज कराया जाना चाहिए।
रजनी माधीवाल, एसडीएम करेड़ा
Published on:
17 Jan 2018 11:08 am
बड़ी खबरें
View Allभीलवाड़ा
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
