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बाढ़ में भी अडिग रहा जूना गांव का महादेव मंदिर

भीलवाड़ा-कोटा राजमार्ग से सवाईपुर पंचायत मुख्यालय से दो किलोमीटर दूरी पर पुरानी आबादी में स्थित शिव मंदिर का इतिहास 14 वीं शताब्दी से जुड़ा है। यहां सावन में भक्तों की भीड़ सुबह से शाम तक बनी रहती है। यहां अभिषेक-रूद्धाभिषेक समेत विभिन्न अनुष्ठान यहां हो रहे है।

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Mahadev temple of Juna village remained adamant even in floods

Mahadev temple of Juna village remained adamant even in floods


भीलवाड़ा। भीलवाड़ा-कोटा राजमार्ग से सवाईपुर पंचायत मुख्यालय से दो किलोमीटर दूरी पर पुरानी आबादी में स्थित शिव मंदिर का इतिहास 14 वीं शताब्दी से जुड़ा है। यहां सावन में भक्तों की भीड़ सुबह से शाम तक बनी रहती है। यहां अभिषेक-रूद्धाभिषेक समेत विभिन्न अनुष्ठान यहां हो रहे है।

जानकार बताते है कि जब सवाईपुर ग्राम बसाया गया था, उस वक्त के तत्कालीन महाराजा ने किले के साथ-साथ चारभुजा नाथ और शिव मंदिर का निर्माण करवाया। शिव मंदिर के बिल्कुल सामने की तरफ एक पौराणिक कुड़ी यानि कुई भी है। इसी बावड़ी से महादेव जी का जल अभिषेक किया जाता है।

मोटी-मोटी दीवारें भी ढह गई

18 वीं शताब्दी में महाराजा सवाई जयसिंह जोकि सवाईपुर ग्राम के तत्कालीन महाराजा थे, उन्होंने इस शिव मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया। 19वीं शताब्दी में गांव की पुरानी आबादी जो कि कोठारी नदी के किनारे बसी हुई थी, उस वक्त कोठारी नदी में अधिक जल भराव होने के कारण गांव तहस नहस हो गया था, उस वक्त किले की मोटी-मोटी दीवारें भी ढह गई थी, परंतु यह शिव मंदिर अपनी इसी अवस्था में बरकरार रहा। इसके बाद से लोगों की आस्था इस मंदिर के प्रति और बढ़ गई।

पानी की टंकी व प्याऊ भी है

सन 1983 में पंडित सुवालाल श्रोत्रिय, धन्ना लाल श्रोत्रिय के द्वारा मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया गया। वर्ष 2014 में पंडित कालू लाल व श्याम लाल श्रोत्रिय द्वारा मंदिर का जीर्णद्धार करवाया गया। वर्तमान में पंडित रविशंकर एवं पंडित अभिषेक श्रोत्रिय द्वारा महादेव की पूजा अर्चना की जाती है। पंडित अनिल कुमार शर्मा ने बताया कि सुबह सूर्योदय होते ही भक्तों का तांता लग जाता है अभी कुछ दिन पूर्व गांव के दान दाताओं की सहायता से यहां एक पानी की टंकी और पशुओं के पानी पीने के लिए प्याऊ का निर्माण करवाया गया। सवाईपुर के साथ-साथ सालरिया वासियों की भी यहां भोलेनाथ पर आस्था है, इसलिए यह शिव मंदिर जूना गांव का महादेव जी के नाम से भी प्रसिद्ध है। यहां अग्नि अखाड़ा भी संचालित है।