
समर्थकों ने गोपाल मालवीय को घेर लिया और उन्हें घर से बाहर नहीं निकलने दिया। इस बीच नामांकन पत्र उठाने का समय निकल गया।
मांडलगढ /सलावटिया।
मांडलगढ़ उपचुनाव में सोमवार को नामांकन वापसी का अंतिम दिन था। कुल 14 में से 6 प्रत्याशियों ने पर्चा उठा लिया। अब चुनावी मैदान में कांग्रेस व भाजपा समेत आठ उम्मीदवार बचे हैं। पर्चा उठाने के आखिरी दिन सबकी निगाहें कांग्रेस नेता और पूर्व प्रधान गोपाल मालवीय पर थी। मालवीय पर पार्टी का दबाव था कि कांग्रेस के अधिकृत उम्मीदवार विवेक धाकड़ को समर्थन देते पर्चा उठा ले लेकिन मालवीय नहीं माने। उनके चुनाव मैदान में डटे रहने से मांडलगढ़ में चुनावी मुकाबला त्रिकोणीय होने के आसार बढ़ गए। इससे पूर्व मालवीय के नामांकन पत्र को उठवाने को लेकर सलावटिया में हाईवॉल्टेज राजनीतिक ड्रामा हुआ।
मालवीय ने पार्टी का टिकट नहीं मिलने पर अधिकृत प्रत्याशी विवेक धाकड़ के खिलाफ ताल ठोक दी और सोमवार शाम चुनाव प्रचार में उतर गए। सुबह उनके गांव सलावटिया में उनसे नामांकन पत्र उठवाने को राष्ट्रीय कांग्रेस सचिव व राजस्थान के सह प्रभारी तरुण कुमार, जिलाध्यक्ष अनिल डांगी, जहाजपुर विधायक धीरज गुर्जर व अन्य वरिष्ठ नेता पहुंचे। इसकी सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में मालवीय समर्थक घर के बाहर जुट गए और मालवीय की अनदेखी करने पर वरिष्ठ नेताओं को खरी खोटी सुनाई।
उन्होंने धाकड़ को दोबारा पार्टी का प्रत्याशी बनाए जाने पर विरोध जताया। कई समर्थकों ने धाकड़ को सलावटिया में ही बुलाकर उनके बीच बैठाने की बात कही। इसी दौरान वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने मालवीय को मांडलगढ़ ले जाने की कोशिश की। इससे समर्थक और गुस्सा हो गए तथा विरोध में नारे लगाने लगे। समर्थकों ने मालवीय को उनके घर में ही घेरे रखा और बाहर के सभी रास्ते वाहन खड़ेकर जाम कर दिए। महिला समर्थक भी बड़ी संख्या में आ गई। समर्थकों ने उन्हें घेर लिया और मालवीय को घर से बाहर नहीं निकलने दिया। इस बीच नामांकन पत्र उठाने का समय निकल गया।
Updated on:
15 Jan 2018 10:10 pm
Published on:
15 Jan 2018 10:07 pm
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