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कुछ ही पलों में वर्षों से जुदा हुए एक, मरते दम तक साथ निभाने का वादा

मुंसिफ मजिस्ट्रेट कोर्ट में मजिस्ट्रेट विकास राम चौधरी की अध्यक्षता में राष्ट्रीय मेगा लोक अदालत का आयोजन

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मुंसिफ मजिस्ट्रेट कोर्ट में मजिस्ट्रेट विकास राम चौधरी की अध्यक्षता में राष्ट्रीय मेगा लोक अदालत का आयोजन हुआ।

कोटड़ी।
मुंसिफ मजिस्ट्रेट कोर्ट में मजिस्ट्रेट विकास राम चौधरी की अध्यक्षता में राष्ट्रीय मेगा लोक अदालत का आयोजन हुआ। जिसमें कई मामले आपसी राजीनामे से निपटाए गए। लोक अदालत में एक रोचक मामला पति पत्नी के बीच कई वर्षों से चले आ रहे विवाद का निपटारा रहा।

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लोक अदालत के सचिव मोहम्मद नईम एवं पेशकार इंदु प्रकाश यादव ने बताया कोटड़ी निवासी शहनाज बिसायती एवं उसके पति मंगरोप निवासी कय्यूमुद्दीन बिसायती के बीच कई वर्षों से मनमुटाव चल रहा था। आपसी पारिवारिक विवाद होने से दोनों के बीच घरेलू हिंसा का मामला स्थानीय अदालत में चल रहा था। अदालत की समझाइस पर दोनों पति पत्नी ने मामले में आपस समझौते करते हुए शनिवार को एक दूसरे को माला पहनाई व साथ रहने की इच्छा जताई।

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मजिस्ट्रेट ने दोनों के मामले में वापस साथ रहने का निर्णय करते हुए दोनो को न्यायालय में आशीर्वाद दिया व माला मंगवा कर एक दूसरे को पहनाई । इस मौके पर सरकारी वकील ममता चावला लोक अदालत के स्थायी सदस्य वासुदेव पंचोली, बार एसोसिशन के अध्यक्ष दिनेश चंद्र जोशी वकील शिव प्रकाश भट्ट, इंद्रपाल सिंह सहित अन्य न्यायिक कर्मचारी मौजूद थे ।

राष्ट्रीय लोक अदालत में 1077 प्रकरणों का निस्तारण

भीलवाड़ा जिला एवं सत्र न्यायालय परिसर में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत में सभी प्रकार के समझौता योग्य दीवानी, फौजदारी मामले, पारीवारिक, चैक अनादरण श्रम, बैंक रिकवरी के मामले रखे गए। प्राधिकरण के पूर्णकालिक सचिव मोहित शर्मा ने बताया कि जिले में कुल 10007 प्रकरण लोक अदालत में रखे गए। इसमें 1077 प्रकरण लोक अदालत की भावना से निस्तारित हुए तथा 5 करोड़ 35 लाख 42 हजार 584 रुपए का अवार्ड राशि पारित की गई। इसमें से प्री-लिटिगेशन के 6361 प्रकरण रखे गए। इसमें से 598 प्रकरणों का राजीनामा द्वारा निस्तारित किया। एक करोड 87 लाख 74 हजार 981 रुपए के आवार्ड पारित किए।


न्यायालयों में लम्बित 3646 प्रकरण चिन्हित किए गए। इनमें 479 प्रकरणों को निस्तारित किया गया तथा 3 करोड़ 47 लाख 67 हजार 603 रुपए के आवार्ड पारित किए गए। लोक अदालत को सफल बनानें में प्रशासन, पुलिस विभाग, जिला अभिभाषक संस्था व न्यायालय के समस्त कर्मचारियों के सहयोग के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष जिला एवं सेशन न्यायाधीश चन्द्रकुमार सोनगरा ने अभार जताया।

लोक अदालत में 23 बैंचों से अनुभवी न्यायिक अधिकार एवं अनुभवी अधिवक्ता ने समझाइश कर मामलों में राजीनामा करवा कर अंतिम रूप से फैसला करवाया गया। पारिवारिक न्यायालय में बैंच अध्यक्ष एवं पारीवारिक न्यायाधीश राजेन्द्र शर्मा के प्रयास से बरसों से अलग रह रहे दम्पती लोक अदालत में वापस एक साथ रहने के लिए राजी हुए।