
खान विभाग में खासा दबदबा रखता है खनि अभियंता बच्छ
भीलवाड़ा. 25 लाख रुपए की रिश्वत मांगने के आरोप में एसीबी की ओर से पकड़े गए खनि अभियंता गोपाल बच्छ का खनिज विभाग में बड़ा दबदबा था। सूत्रों के अनुसार, बच्छ कई बड़े नेताओं से लेकर उच्चाधिकारियों के मोहरे के रूप में काम करते थे। बच्छ लाइजनिंग में इतने माहिर है कि अब तक की नौकरी बिजौलियां, आमेट व राजसमंद में ही की। इसमें भी बिजौलियां तो उनका पसंदीदा क्षेत्र रहा। यही वजह है कि इस बार जो कार्रवाई हुई इसमें दलाल व व्यापारी बिजौलियां क्षेत्र के ही है। खान विभाग में वर्ष २०१५ में हुए महाघुसकांड में भी बच्छ की अहम भूमिका थी। जिले के बिजौलियां में पदस्थापित रहने के पीछे कहानी यह है कि यह उस आईएएस अशोक सिंघवी के काफी नजदीकी थे। बच्छ १९९२ से एक ही स्थान पर इसलिए जमे रहे कि वहां मनमाफिक तरीके से खदानों का आवंटन कराया जा सके। बच्छ ने बिजौलियां में फोरमेन से लेकर एमई तक की नौकरी की। सूत्रों के अनुसार, बच्छ की वहां खदानों में पार्टनरशीप है। बड़ी बात यह है कि बच्छ ने अपनी खदानों में कई नेताओं व अधिकारियों को भी पार्टनर बना रखा है।
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एकल आदेश से मिला था प्रमोशन
बच्छ की खान विभाग में जड़े इतनी मजबूत है इसका आलम यह है कि उनकी वर्ष १९९२ में फोरमेन के पद पर नियुक्ति हुई। इनके साथ के कई अफसर अभी भी फोरमेन व अतिरिक्त खनि अभियंता ही है। वहीं अधिकारियों ने वर्ष २०१२-१३ में एकल आदेश निकालकर खनि अभियंता के पद पर पदोन्नत कर दिया। इसके बाद ही बच्छ ने खान विभाग ने अपना खेल शुरू कर दिया।
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बच्छ के नाम से दौड़ती है फाइल
खान विभाग में अभी भी बच्छ के नाम फाइल दौड़ती है। बिजौलियां क्षेत्र में अभी भी उनके रिश्तेदार, परिचितों के नाम से कई क्वारी लाइसेंस है। इनमें कुछ अड़चन आने पर लोग बच्छ के नाम से यहां आकर काम करा जाते हैं। जानकारों के अनुसार, अभी भी बिजौलियां क्षेत्र में कई खदानों में हिस्सेदारी है।
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बच्छ ने कर दी थी कई सिफारिशें
वर्ष २०१५ में हुए खान महाघूसकांड में एक बात सामने आई थी। इसमें यह था कि खनन पॉलिसी २०१५ के ड्राफ्ट प्लान में माफिया व ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने के लिए भी बच्छ व इनकी टीम ने कई सिफारिशे पहुंचाई थी। उस वक्त बच्छ बिजौलियां में कार्यरत थे। बच्छ ने नई खनन नीति २०१५ में बिजौलियां क्षेत्र में एक हैक्टेयर भूमि में क्वारी लाइसेंस देने की सिफारिश की थी।
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बिजौलियां में अवैध खनन को दिया था बढ़ावा
सेंड स्टोन के मामले में समृद्ध खनन क्षेत्र बिजौलिया के ऊपरमाल क्षेत्र में हजारों बीघा जमीन खनन माफियाओं के हत्थे चढ़ी हुई है। यहां वनभूमि, नदी, नाले, चारागाह, रास्तों के साथ बिलानाम जमीनों पर भी अवैध खनन है तो कई खदानें चल रही है। प्रसिद्ध ऐरू नदी का तो खनन माफिया ने कीमती पत्थर निकाल कर बहाव क्षेत्र भी बदल दिया। कांस्या के पास तो नदी को इतना संकरा बना दिया है कि वह नाला बनकर रह गई है। ऊपरमाल क्षेत्र में नियम विरुद्ध पचानपुरा बांध के सिंचित क्षेत्र में सैकड़ों खनन स्वीकृतियां जारी कर दी। जिसके मौके पर एक भी खनन स्वीकृति के सीमांकन के निशान नहीं है। हाईकोर्ट ने इस संबंध में आदेश दिए थे लेकिन इसकी पालना नहीं हुई। खनन विभाग के अधिकारियों की शह और मिलीभगत के कारण बिजौलियां में अवैध खनन का खेल चल रहा है।
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सोशल मीडिया पर कम सक्रिय है बच्छ
बच्छ सोशल मीडिया पर कम सक्रिय नजर आते हैं। उनका फेसबुक अकाउंट बना हुआ है जिस पर करीब दो हजार फ्रेंड है। हालांकि बच्छ नई पोस्ट डालने में रुचि कम दिखाते हैं। उन्होंने अपनी पर्सनल जानकारी भी शो नहीं कर रखी है। बच्छ को नई कारों का भी बहुत शोक है।
Published on:
31 Oct 2019 11:25 am
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