मुनि सुकुन बोले, दोनों दूध के धुले नहीं
प्रदेश की राजनीतिक उथल पुथल एवं कोरोना के बढ़ते कहर से साधु संत भी चिंतित है। जैन समाज के मुनि सुकुन मल ने कहा कि प्रदेश में जो राजनीति हो रही है, वो स्वार्थ की राजनीति है। गो सेवा एवं जन सेवा से हम कोरोना को दूर भगा सकते है। Muni Sukun said in bhilwara city , both do not have milk

भीलवाड़ा। प्रदेश की राजनीतिक उथल पुथल एवं कोरोना के बढ़ते कहर से साधु संत भी चिंतित है। जैन समाज के मुनि सुकुन मल ने कहा कि प्रदेश में जो राजनीति हो रही है, वो स्वार्थ की राजनीति है। गो सेवा एवं जन सेवा से हम कोरोना को दूर भगा सकते है। Muni Sukun said, both do not have milk
शास्त्रीनगर स्थित अहिंसा भवन में मुनि सुकुन मल आदि ठाणा के साथ चार्तुमास कर रहे है। कोरोना की शहर में बढ़ती संख्या के मद्दे नजर उन्होंने धर्म सभा एवं प्रवचन स्थगित रखे हुए है। पत्रिका से बातचीत में कहा कि कोरोना का बढ़ता संकट निश्चित रुप से चिंतनीय है, देश में पापाचार बढऩे से यह रोग बढ़ा है, मिथ्यातत्व छाया हुआ है और जीवों का वध हो रहा है, कोरोना यह सावचेत करता है कि लोग इस तरह के पाप नहीं करें। देश में लोग कोरोना से नहीं वरन भय से मर रहे है। आपसे में आत्मीयता बढ़ी और गो सेवा होती है तो यह कोरोना स्वत चला जाएगा
समूचा विश्व जाने राम की महत्ता
अयोध्या में रामजन्म भूमि पर पांच अगस्त को जो शिलान्यास हो रहा है, वो खुशी की बात है, जो लोग कहते है कि राम का जन्म अयोध्या में नहीं हुआ वो गलत है। पूर्वज भी यही जन्में है और राम का जन्म भी इसी मिट्टी पर हुआ है। यहां शिलन्यास होना अनिवार्य था, हम सब चाहते है कि यहां एेसा भव्य व नव्य राममंदिर बने ताकि समूचा विश्व ये जानें ले कि राम देश के प्रत्येक लोगों के मन में बसे हुए है।
दोनों दूध के धुले नहीं है
प्रदेश की मौजूदा स्थिति पर उन्होंने कहा कि यह स्वार्थ की राजनीति है, जहां स्वार्थ होता है वहां परमार्थ नहीं है। सीएम अशोक गहलोत अच्छे है, लेकिन जहां राजनीति आ जाती है, वहां धर्म नीति नहीं रहती है। यहां दोनों दूध के धुले हुए नहीं है।
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