
जिला अस्पताल में मामूली लापरवाही मां व नवजात बच्चों पर भारी पड़ सकती है। मातृ एवं शिशु अस्पताल के बाहर बायोमेडिकल वेस्ट डाला जा रहा है। इससे दोनों को संक्रमण का खतरा है।
भीलवाड़ा।
जिला अस्पताल में मामूली लापरवाही मां व नवजात बच्चों पर भारी पड़ सकती है। मातृ एवं शिशु अस्पताल के बाहर बायोमेडिकल वेस्ट डाला जा रहा है। इससे दोनों को संक्रमण का खतरा है। जिले के जनाना अस्पताल में कर्मचारियों की लापरवाही को लेकर अस्पताल प्रशासन भी गंभीर नहीं है।
लम्बे समय से चल रही लापरवाही का खुलासा तब हुआ जब अस्पताल परिसर के एक कचरा पात्र को मवेशियों ने गिरा दिया।
उस पात्र में साधारण कचरे से ज्यादा मेडिकल वेस्ट बिखर गया। सीरिंजो के साथ खून के नमुने लेने में इस्तेमाल टेस्ट ट्यूब व कांच की स्लाइडस भी पड़ी थी। यह वेस्ट काफी देर बिखरा रहा। बाद में किसी कर्मचारी को पता लगा तो से वहां से हटाने के बजाए उसी कचरा पात्र में भर दिया। अस्पताल प्रशासन ने मेडिकल वेस्ट के सुरक्षित निस्तारण के लिए अस्पताल के पीछे ही स्टोर रूम बना रखे है, जहां से वेस्ट अजमेर भेजा जाता है लेकिन प्रशासनिक अनदेखी व अधिकारियों की निगरानी के अभाव के चलते मेडिकल वेस्ट वहां पहुंच नहीं पा रहा है।
अस्पताल में स्टोर रूम भी कर्मचारियों कई बार खुला छोड़ देते हैं। मवेशी उसमें घुसकर मेडिकल कचरा खाकर अकाल मौत का शिकार हो जाते हैं। अस्पताल प्रशासन ने मेडिकल वेस्ट को नष्ट करने के लिए सालों पहले चिमनी लगाई थी, जो कई साल से खराब पड़ी है।
संक्रमण से जा चुकी है कई जाने
संक्रमण से प्रदेश में कई नवजात व प्रसूताओं की जाने जा चुकी है। इसके बावजूद चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग इसके प्रति गंभीर रही है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को जोधपुर व अजमेर में संक्रमण से हुई मौतों से सबक लेना चाहिए।
मामला गंभीर, करेंगे कार्रवाई
मेडिकल वेस्ट को अस्पताल परिसर में इधर-उधर फेंकना या साधारण कचरा पात्र में डालना गंभीर मामला है। बायोवेस्ट से संक्रमण फैलने का खतरा काफी रहता है। कर्मचारी अगर लापरवाही बरत रहे है तो उन पर कार्रवाई करेंगे।
डॉ. देवकिशन सरगरा, उपनियंत्रक महात्मा गांधी अस्पताल
Published on:
16 Jan 2018 01:30 pm
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