
new crisis on textile industry in bhilwara
सुरेश जैन. भीलवाड़ा।
कोयले की मार झेल रहा कपड़ा प्रोसेस व डाइ इंडस्ट्री पर फिर चीन की मार पड़ी है। चीन से आने वाले केमिकल्स के दाम करीब 30 फीसदी बढ़ा दिए गए। इससे भीलवाड़ा के टेक्सटाइल उद्योग पर संकट का साया मंडराने लगा है।
जानकार सूत्र बताते है कि चीन ने ऐसे केमिकल का उत्पादन घटा दिया है, जो पर्यावरण के लिए घातक हो। चीन से उत्पाद आयात करने वाले देशों पर इसका सीधा असर पडऩे लगा है। वस्त्रनगरी भी अछूती नहीं है। भीलवाड़ा में चीन की डाइज और केमिकल की बड़ी खपत है। लेकिन केमिकल नहीं आने या उत्पादन घटाने से उद्योगों को ऊचे दामों या ब्लेक में खरीदना पड़ रहा है।
चीन से आने वाले डाइज, केमिकल की आवक घट गई है। पेटकोक पर पहले से रोक है। इस वजह से चीन में 50 प्रतिशत का उत्पादन कम हो गया है। ऐसे में विशेष रूप से काले और नीले रंग के केमिकल की अभी से कमी शुरू हो गई है। इसके चलते कई उद्योग व कलर केमिकल का व्यापार करने वाले उद्यमियों ने 30 प्रतिशत दाम बढ़ा दिए। माना जा रहा है कि अगले पखवाड़े से डाइंग उद्योग 20 से 25 प्रतिशत तक दाम बढ़ा सकते हैं। इससे कपड़े की लागत में वृद्धि होगी। इसका असर भी आम उपभोक्ता पड़ेगा।
उद्यमियों का कहना है कि केमिकल्स दामों में अभी से बढ़ोतरी को वहन कर पाना उद्योगों के लिए मुश्किल होगा। चीन से सस्ते दामों में कच्चा माल आयात होने से दाम नियंत्रण में थे। अब 30 प्रतिशत तक दाम बढ़ गए है। ऐसे में अगले पखवाड़े से हर हालत में डाइग के दाम भी बढ़ाने को मजबूर होना पड़ेगा।
नहीं उभर पा रहे उद्योग
सोना प्रोसेस के प्रबन्धक एसके सुरणा का कहना है कि पहले नोटबंदी, जीएसटी फिर इ-वे बिल से ही उद्योग उभर नहीं पा रहे है। और अब चीन के कलर केमिकल्स के दामों में बढ़ोतरी से और हालात विकट होंगे। प्रोसेस हाउसों में पेटकोक के काम पर लेने से सुप्रीम कोर्ट ने पहले से रोक लगा रखी है। इसके चलते अन्य कोयला काम में लेना पड़ रहा है। इससे हर प्रोसेस हाउस पर लगभग १५ लाख रुपए प्रतिमाह का अतिरिक्त भार पड़ रहा है। अब केमिकल्स के दाम में ३० प्रतिशत का इजाफा होने से लाखों रुपए का अतिरिक्त भार पड़ेगा।
Published on:
11 Jun 2018 01:13 pm
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