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सावन में बुला रहा निलिया महादेव

त्याग, शौर्य एवं भक्ति की नगरी चित्तौड़गढ़ में प्रकृति की भी खूब मेहर है। जिले का मेनाल झरना विश्व विख्यात है, वही यहां अरावली की पहाडि़यों एवं नदी व नालों से घिरे कई रमणीय स्थल भी सावन मास में देश विदेश के पर्यटकों को आकर्षित कर रहे है। बारिश के मौसम में तो यहां मेले का माहाैल रहता है। saavan mein bula raha niliya mahaadev

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सावन में बुला रहा निलिया महादेव

सावन में बुला रहा निलिया महादेव


बारिश के दौरान सावन मास में अरावली की हरी-भरी पहाड़ियां और झरना बस्सी क्षेत्र के प्रसिद्ध निलिया महादेव मंदिर का श्रृंगार करते हैं। प्राकृतिक छटा में स्थित प्रसिद्ध धार्मिक एवं पर्यटन स्थल निलिया महादेव सावन में श्रद्धालुओं और पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है।


बस्सी क्षेत्र का प्रसिद्ध निलिया महादेव मंदिर स्थल चित्तौड़गढ़ जिला मुख्यालय से करीब 23 किलोमीटर बस्सी हाईवे के समीप स्थित है। ग्राम पंचायत आवलहेड़ा के बल्दरखा गांव के समीप स्थित प्रसिद्ध धार्मिक स्थल निलिया महादेव मंदिर की प्रसिद्धि जिले के साथ ही समूचे राज्य में दूर-दूर तक है।

श्रावण मास के शुरू होते ही मेघों की मल्हार के साथ यहां की अरावली की पहाड़ियां हरी-भरी हो जाती हैं। निलिया महादेव का झरना बहने लगता है। बारिश के दौरान दूर-दूर क्षेत्रों से श्रद्धालु और पर्यटक यहां पर पहुंचते हैं। शिवालयों में हर-हर महादेव के शब्द गूंजने लगते हैं और प्रतिदिन शिवालयों में जल व दूध से अभिषेक किया जाता है।

सावन मास में विशेष तौर पर श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है । निलिया महादेव मंदिर प्राचीन समय से ऋषि-मुनियों संतों की तपोस्थली रहा है। यहां बड़े-बड़े पहाड़ और गुफाएं हैं, जिनमें ऋषि मुनि तपस्या किया करते थे ।

यहां पर पहले मंदिर छोटे रूप में था लेकिन पिछले 15 वर्षों से मंदिर का निर्माण प्राचीन हिंदू मंदिरों की तर्ज पर भव्य करवाया जा रहा है। धौलपुर व जोधपुर के पत्थरों को तराशकर मंदिर का निर्माण किया जा रहा है।

प्राचीन शिव मंदिरों में जिस तरह से मंदिर के बाहर सभा मंडप का निर्माण करवाया था उसी तर्ज पर सभा मंडप बनाया गया है। करौली के कारीगरों द्वारा पत्थरों को तराश कर मंदिर में लगाए जा रहे हैं। मंदिर की बनावट महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले में स्थित गोपेश्वर महादेव मंदिर की तरह है।

बेहतरीन और बेजोड़ स्थापत्य कला से बने निलिया महादेव मंदिर की खूबसूरती देखते ही बनती है। श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के समीप ही सराय भी है। मेनाल झरने की तरह निलिया महादेव का झरना भी प्रसिद्ध है। हरियाली अमावस पर यहां मेले का आयोजन होता है। निलिया महादेव में जाने वाले रास्ते के समीप कल-कल बहता पानी और हरी-भरी पहाड़ियां श्रद्धालुओ को सुकून का अहसास कराती है।

सावन मास के दौरान जिले के बस्सी क्षेत्र में प्रसिद्ध निलिया महादेव, झरिया महादेव, केलझर महादेव, रामेश्वर महादेव खेरी , रुण्डेश्वर महादेव, गिलुण्ड, मोडिया महादेव , आदि मंदिरों में खास पूजा-पाठ और अभिषेक होते है।