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आटूण नाले में नहीं मिला दूषित पानी, आरपीसीबी की जांच टीम ने किया निरीक्षण

टीम ने कहा, झाग घरेलू पानी के कारण, प्रोसेस संचालक को पानी नहीं छोड़ने का नोटिस

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No contaminated water was found in the Atun drain, the RPCB investigation team conducted an inspection.

No contaminated water was found in the Atun drain, the RPCB investigation team conducted an inspection.

सुवाणा पंचायत समिति के आटूण ग्राम में नाले में दूषित पानी छोड़े जाने की शिकायत पर मंगलवार को राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल (आरपीसीबी) की टीम मौके पर पहुंची। टीम ने जांच में पाया कि नाले में दूषित औद्योगिक पानी नहीं, बल्कि आसपास के गांवों का घरेलू पानी बह रहा है, जिसका टीडीएस स्तर 207 से 400 के बीच पाया गया। टीम ने कहा कि यदि यह पानी प्रोसेस हाउस से निकला औद्योगिक अपशिष्ट होता, तो टीडीएस कम से कम एक हजार से अधिक होना चाहिए था।

ग्रामवासियों ने की थी शिकायत

आटूण निवासी राजेन्द्र जोशी ने शिकायत की थी कि पुर रोड स्थित प्रोसेस हाउस की ओर से दूषित पानी छोड़ा जा रहा है, जिसके कारण नाले का पानी काला हो गया और उसमें झाग उठने लगे हैं। शिकायत पर क्षेत्रीय अधिकारी दीपक घनेटवाल ने तुरंत कार्रवाई करते हुए जांच टीम को मौके पर भेजा।

कई स्थानों से लिया गया सैंपल

प्रदूषण नियंत्रण मंडल की टीम ने रीको क्षेत्र के नाले, चित्रकूट के पास, आटूण से पहले, आटूण नाले और नाले के बाद के हिस्से से पानी के सैंपल लेकर टीडीएस स्तर की जांच की। सभी नमूनों में टीडीएस 450 से 500 के बीच मिला, जो घरेलू पानी की श्रेणी में आता है।

झाग का कारण घरेलू पानी

टीम ने बताया कि पानी में जो झाग दिख रहा था, वह घरेलू डिटर्जेंट या साबुन मिश्रित पानी के कारण है। अगर यह पानी औद्योगिक रसायनों से दूषित होता, तो इसका रंग और गंध अलग होती तथा टीडीएस स्तर अधिक पाया जाता।

प्रोसेस हाउस से निकला काला पानी

निरीक्षण के दौरान टीम ने एक प्रोसेस हाउस “समर्पण” से काला पानी निकलते हुए देखा, लेकिन जांच में पाया कि उसमें कोयले की चूरी मिक्स होने से रंग काला दिखाई दे रहा था, उसमें कोई रासायनिक तत्व नहीं पाए गए। घनेटवाल ने बताया कि एहतियात के तौर पर संबंधित प्रोसेस हाउस संचालक को नोटिस जारी किया गया है। उन्हें निर्देश दिए गए हैं कि अपने परिसर से बाहर किसी भी प्रकार का पानी न छोड़ा जाए और सुनिश्चित करें कि सभी जलनिकासी आंतरिक ट्रीटमेंट सिस्टम के माध्यम से ही हो। घनेटवाल ने बताया कि समर्पण की रिपोर्ट मुख्यालय भेज दी गई है।