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स्लीपर कोच में अब टिकट मिलना नहीं आसान

त्योहार से पहले लम्बी दूरी की यात्री ट्रेनों में सफर के लिए आरक्षित कोच में स्लीपर मिलना आसान नहीं रहा। आगामी पर्व को लेकर अभी से आरक्षित कोचों की ऑनलाइन या फिर ऑफलाइन टिकट बुकिंग में वेटिंग की लंबी कतार लग गई है।

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स्लीपर कोच में अब टिकट मिलना नहीं आसान

स्लीपर कोच में अब टिकट मिलना नहीं आसान

त्योहार से पहले लम्बी दूरी की यात्री ट्रेनों में भीलवाड़ा से सफर के लिए आरक्षित कोच में स्लीपर मिलना आसान नहीं रहा। आगामी दुर्गाष्टमी, दशहरा व दीपावली पर्व को लेकर अभी से आरक्षित कोचों की ऑनलाइन या फिर ऑफलाइन टिकट बुकिंग में वेटिंग की लंबी कतार लग गई है।

त्योहार पर घर जाने और वेटिंग के झंझट से मुक्ति के लिए अधिकांश ने आरक्षण करवा कर सीट पर जगह पक्की कर ली है। कमोबेश भीलवाड़ा स्टेशन से देश के विभिन्न हिस्सों तक जा रही लम्बी दूरी की साप्ताहिक ट्रेनों के यही हाल है। ऐसे में कई यात्री आसपास के जिलों से भी अपनी वेटिंग क्लीयरिंग होने की उम्मीद में टिकट बुक करा रहे हैं। इससे दीपोत्सव का उल्लास नजर आता है।

टेक्सटाइल सिटी भीलवाड़ा में पश्चिम बंगाल, असम, उड़ीसा, झारखंड, बिहार, यूपी, एमपी से बड़ी संख्या में लोग जिले में काम कर रहे है। पंजाब, दिल्ली, मुम्बई, अहमदाबाद, हैदराबाद व चैन्नई का भी व्यवसायिक जुड़ाव जिले से है। ऐसे में अब दुर्गाष्टमी, दशहरा व दीपावली को लेकर घर जाने के लिए लोग आरक्षित टिकट पाने की जुगत में है।

भीलवाड़ा रेलवे स्टेशन से अभी सात ट्रेनों के दो फेरे रोज हो रहे है। सभी ट्रेने अभी ठसाठस है। लम्बी दूरी की बीस ट्रेन गुजर रही है। इनके भी यही हाल है। दुर्गाष्टमी व दीपावली के आसपास के दिनों में भीलवाड़ा से यात्रा करने के लिए उदयपुर-न्यू जलपाईगुडी, उदयपुर- कामाख्या कवि गुरु, जयपुर-हैदराबाद, हिसार-हैदराबाद, अजमेर-भागलपुर, अजमेर- बान्द्रा व सांतरा गाच्छी एक्सप्रेस के आरक्षित कोचों की वेटिंग सूची लम्बी है।


कई ट्रेनों में यह वेटिंग तीन सौ पार है। वेटिंग तक के टिकट नहीं मिल रहे है। जबकि दीपावली में करीब एक माह शेष है। वेटिंग की मौजूदा िस्थति जानने के लिए लगातार लोग रेलवे ऐप खंगाल रहे है। वंदे भारत, हमसफर व सुविधा जैसी तेज स्पीड ट्रेनों में भी आरक्षित टिकट पाना अब आसान नहीं है।

जानकारों का कहना है कि लम्बी दूरी की ट्रेनों में बुकिंग ऑनलाइन ही करवा रहे है। यदि टिकट कन्फर्म नहीं हुआ तो रेलवे आरक्षित चार्ट सीट कोच पर लगते ही पैसा तुरंत ऑनलाइन लौटा रही है। क्यूंकि अब आरक्षित कोच बढ़ने की संभावना भी नहीं रही है।

उधर, रेलवे की कम्प्यूटरीकृत आरक्षण केन्द्र पर भी आरक्षण के लिए अब लोगों की भीड़ छंटने लगी है। रेलवे के अधिकारी बताते है कि 75 फीसदी लोग ऑनलाइन टिकट बुक करवा रहे है। हालांकि भीलवाड़ा में आरक्षण से रेलवे को प्रतिदिन करीब चार लाख की आय हो रही है।