चार्टर्ड अकाउंटेंट महेश डाड ने बताया कि आयकर विभाग का यह कदम सराहनीय है। हालांकि रिटर्न फाॅमर्स व यूटिलिटीज़ समय पर उपलब्ध नहीं कराए गए थे, इसलिए करदाताओं और कर सलाहकारों के सामने कठिनाई थीं। तिथि बढ़ाने से करदाताओं को राहत मिलेगी तथा समय रहते रिटर्न दाखिल करने में सहायता मिलेगी।
आयकर विभाग ने करदाताओं से कहा कि वे अंतिम तिथि का इंतज़ार किए बिना यूटिलिटी उपलब्ध होने के साथ ही अपना रिटर्न दाखिल करें। इससे अंतिम समय की भीड़ से बचा जा सकता है और संभावित तकनीकी परेशानी से राहत मिल सके। डाड ने बताया कि तिथि का फायदा उन करदाताओं पर लागू होता है जिनके 31 जुलाई तक रिटर्न दाखिल करना अनिवार्य था, और जिन्हें ऑडिट या अन्य विशेष अनुपालन की आवश्यकता नहीं है।