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देव दीपावली पर आज जगमगाएंगे दीप, विष्णु-लक्ष्मी की पूजा होगी

- देव उठनी एकादशी के बाद देवताओं की दीपावली, कार्तिक पूर्णिमा पर होगा पूजन - भीलवाड़ा जिले में आज मनाई जाएगी देव दीपावली व प्रकाश पर्व

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On Dev Deepawali, lamps will be lit today, Vishnu-Lakshmi will be worshipped.

On Dev Deepawali, lamps will be lit today, Vishnu-Lakshmi will be worshipped.

कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि बुधवार को पूरे राजस्थान सहित देशभर में देव दीपावली के रूप में मनाई जाएगी। मान्यता है कि देव उठनी एकादशी के बाद भगवान विष्णु योग निद्रा से जागते हैं और कार्तिक पूर्णिमा के दिन देवता दीप जलाकर दीपावली का उत्सव मनाते हैं। इसी कारण इसे देवताओं की दीपावली कहा जाता है। इस दिन श्रद्धालु भी घरों में दीपक जलाकर देवी-देवताओं का पूजन करते हैं।

विषम संख्या में दीपक जलाना शुभ

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, देव दीपावली पर विषम संख्या में दीप जलाना अत्यंत शुभ होता है। लोग 5, 7, 11, 21, 51 या 101 दीपक जलाते हैं। वहीं कुछ श्रद्धालु 365 बातियों वाला एक अखंड दीपक जलाकर प्रार्थना करते हैं कि हे देवता, जैसे आप आज दीपावली मना रहे हैं, वैसे ही हमारे घर में भी पूरे वर्ष सुख-समृद्धि बनी रहे।

कहां जलाएं दीपक

- पूजा स्थल: घर के मंदिर या पूजा स्थान पर दीपक जलाने से समृद्धि और सकारात्मकता आती है।

- मुख्य द्वार: मुख्य दरवाजे पर दीपक जलाने से घर में प्रवेश करने वाली नकारात्मक ऊर्जा दूर रहती है।

- आंगन और रसोई: इन स्थानों पर दीपक जलाने से परिवार में शांति और सौहार्द बना रहता है।

- तुलसी का पौधा: तुलसी के पास दीपक जलाना शुभ और पवित्र माना गया है।

- शिवजी के लिए विशेष दीपक: भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए 8 या 12 मुखी घी का दीपक जलाना मंगलकारी होता है, इससे सभी कष्ट दूर होते हैं।

- पवित्र नदी में दीपदान: गंगा, यमुना या किसी भी पवित्र नदी में दीपदान करने से सभी पापों का क्षय होता है और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

क्या फल मिलता है देव दीपावली के दीपदान से

- समृद्धि और सुख: विषम संख्या में दीप जलाने से घर में सुख-शांति का आगमन होता है।

- नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति: मुख्य द्वार व कोनों में दीपक जलाने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है।

- आर्थिक तंगी से राहत: दीपदान से आर्थिक परेशानियां कम होती हैं।

- रोग-कष्टों से मुक्ति: 8 या 12 मुखी दीपक जलाने से रोग और संकट दूर होते हैं।

- सभी दोषों से छुटकारा: दीपदान सभी दोषों को शांत करने वाला माना गया है।

- महालक्ष्मी की पूजा: 11, 21, 51 या 108 दीपक जलाने से मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु दोनों की कृपा प्राप्त होती है।

घी का दीपक सर्वश्रेष्ठ

वैदिक ज्योतिषी हेमंत कासट के अनुसार देव दीपावली पर घी का दीपक जलाना सबसे शुभ माना जाता है। यदि संभव न हो तो तिल या सरसों के तेल का दीपक भी जला सकते हैं। धार्मिक आचार्य बताते हैं कि इस दिन दीपक जलाते समय मन में भगवान विष्णु और लक्ष्मी माता के प्रति श्रद्धा भाव होना सबसे आवश्यक है।