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डीएमएफटी के संचालन के लिए 5 प्रतिशत राशि का ही कर सकेंगे उपयोग

- सरकार ने जारी किया गजट नोटिफिकेशन - जनप्रतिनिधि पसंद का सीईओ लगाने के जुगाड़ में लगे

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Only 5 percent of the amount can be used for the operation of DMFT

Only 5 percent of the amount can be used for the operation of DMFT

सरकार की ओर से डीएमएफटी को लेकर जारी गजट नोटिफिकेशन के बाद प्रदेश के खनिज अधिकारियों ने राहत की सांस ली है। क्योंकि इसमें सदस्य सचिव जिला परिषद सीईओं को बनाया है। अब राजनीतिक हलकों में चचाएं तेज हो गई हैं, विधायक व सांसद अपनी पसंद का सीईओ लगाने के जुगाड़ में लग गए हैं। ट्रस्ट के संचालन और प्रशासन के लिए ट्रस्ट निधि का उपयोग की सीमा भी तय कर दी है। ट्रस्ट जमा राशि का पांच प्रतिशत तक अपने कार्यालय संचालन पर खर्च कर सकेगा। ट्रस्ट में कोई भी स्थायी या अस्थायी पद नहीं रहेगा। स्थायी या अस्थायी पदों के सृजन और वाहनों की खरीद के लिए सरकार से अनुमति लेनी होगी।

प्रबंध समिति ट्रस्ट के मामलों की सही और निष्पक्षता के लिए ट्रस्ट फंड के संबंध में उचित लेखा पुस्तकों, दस्तावेजों और अभिलेखों को बनाए रखेगी। लेखा पुस्तकों को सामान्य वित्त और लेखा नियमों (जीएफ और एआर) या इस संबंध में सरकार के बनाए गए नियम के प्रावधानों के अनुसार रखा जाएगा। ट्रस्ट के खातों का लेखा परीक्षा नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (सीएजी) से सीएजी की ओर से तय अनुसूची के अनुसार किया जाएगा। ट्रस्ट के खातों का लेखा परीक्षा हर साल ट्रस्ट से नियुक्त चार्टर्ड अकाउंटेंट के माध्यम से राज्य के महालेखाकार की ओर से अधिसूचित अनुमोदित लेखा परीक्षकों से की जाएगी। महालेखाकार के परामर्श से ट्रस्ट की ओर से लेखा परीक्षकों को हटाया और प्रतिस्थापित किया जा सकता है। लेखा परीक्षा रिपोर्ट वार्षिक रिपोर्ट के साथ सार्वजनिक डोमेन में रखी जाएगी।

पारदर्शिता और जवाबदेही तय करनी होगी

हर जिले के ट्रस्ट को एक वेबसाइट बनाना होगा। वेबसाइट पर एक विशिष्ट अनुभाग बनाएगा। हर गतिविधियों को पोस्ट करना होगा। प्रमुख रूप से ट्रस्ट की परिषद और प्रबंध समिति की संरचना का विवरण पेश करना होगा। खनन से प्रभावित क्षेत्रों और लोगों की सूची। खनिज रियायत धारकों या ठेकेदारों और अन्य से प्राप्त सभी अंशदानों का त्रैमासिक विवरण पेश करना होगा। ट्रस्ट की सभी बैठकों की कार्यसूची तथा की गई कार्रवाई की रिपोर्ट पेश करना होगा। जिले में चल रहे कार्यों की ऑनलाइन स्थिति, लाभार्थियों का विवरण, अनुमानित लागत, कार्य एजेंसियों का नाम, कार्य शुरू होने और पूरा होने की तिथि, पिछली तिमाही तक की वित्तीय और भौतिक प्रगति शामिल होगी।

30 दिन में होगा शिकायत का निराकरण

ट्रस्ट एक शिकायत निवारण तंत्र स्थापित करने के साथ उसे कार्यान्वित करेगा ताकि प्रत्येक शिकायत का निवारण तय समय पर हो सके। इसके लिए जिला मजिस्ट्रेट या किसी अन्य अधिकारी को शिकायत के निस्तारण के लिए नियुक्त किया जा सकता है। ताकि 30 दिन के भीतर शिकायतकर्ता को उपयुक्त उत्तर मिल सके।