लाडपुरा ग्राम पंचायत के भारिंडा गांव में नर पैंथर के हमले से दो जने जख्मी हो गए, हालांकि पेंथर की रेस्क्यू के बाद मौत हो गई। इस दौरान पैंथर के हमले से वन्य जीव रक्षक राणावत घायल हो गए।
लाडपुरा के समीप भारीडा गांव के निकट शैतान गुर्जर के खेत में खड़ी फसल में पैंथर होने की सूचना पर गांव में दहशत व्याप्त हो गई। पैथर को देखने ग्रामीणों की भीड़ दौड़ पड़ी। सूचना पर मांडलगढ़ वन विभाग की टीम मौक़े पर आ गई। पैंथर के पहले से जख्मी होने से हालत ठीक नहीं थी। रेस्क्यू टीम में शामिल वन्य जीव रक्षक कुलदीप सिंह राणावत व पशुरक्षक जाकिर हुसैन ने साहसिक तरीके से टीम के साथ पैंथर को जाल के माध्यम से रेस्क्यू किया। इस दौरान पैंथर हिसंक हो उठा और उसने कुलदीप सिंह राणावत व पशुरक्षक जाकिर हुसैन को दबोचने की कोशिश की। घटना में राणावत का चेहरा पैंथर के पंजे के हमले से जख्मी हो गया। जाकिर भी चोटिल हुआ। दोनों को मांडलगढ़ चिकित्सालय में उपचार के लिए लाया गया।
पैंथर को रेस्क्यू करने आई टीम के साथ उपवन संरक्षक देवेंद्र सिंह जगावत, मांडलगढ़ वन रेन्जर दशरथ सिंह, फ ोरेस्टर लोकेंद्र सिंह, वनकर्मी लक्ष्मण सुथार, रामअवतार शर्मा मौके पर पहुंचे। सुबह से ही वन विभाग के अधिकारियों व ग्रामीणों ने पैंथर को पकडऩे के इंतजार में मौके पर मौजूद रहे। लेकिन पैंथर खेत मे गेहूं की फसल में बैठा रहा।शाम को पैंथर का रेस्क्यू हुआ।
इधर, रेस्क्यू के बाद पैंथर की मौत हो गई। पैंथर के शव को मांडलगढ़ की नर्सरी में ले जा कर पोस्टमार्टम कराया गया। वहीं दाह संस्कार हुआ। चिकित्सकों की टीम ने बताया कि पैंथर करीब 10 वर्ष का था और जख्म व बीमारी के कारण वह कमजोर हो चुका था, जिससे उसकी मौत हो गई।