
Peace comes in life only through sacrifice: Pandit Shastri
सूर्य अनादिकाल से प्रकाश का त्याग करता आया है और आज भी देदीप्यमान है। त्याग ही जीवन को पूर्णता और शांति देता है। यह बात पंडित राहुल जैन शास्त्री ने गुरुवार को दस लक्षण पर्व के आठवें दिन उत्तम त्याग धर्म पर प्रवचन देते हुए कही। उन्होंने कहा कि त्याग का अर्थ केवल धन का त्याग नहीं है बल्कि अपने राग, द्वेष और कषायों का त्याग ही सर्वोत्तम त्याग है। दस लक्षण पर्व के तहत मंदिर में चल रहे धार्मिक आयोजनों में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होकर पुण्यलाभ कमा रहे हैं।
मंदिर में हुआ 108 रिद्धि मंत्रों से अभिषेक
आरके कॉलोनी स्थित आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष नरेश गोधा ने बताया कि गुरुवार सुबह रुपचंद नरेश नेवैद्य गंगवाल ने स्वर्ण मुकुट धारण कर 108 रिद्धि मंत्रों से अभिषेक व शांतिधारा की। सनत अजमेरा ने महावीर भगवान पर शांतिधारा की। गंगवाल व अजमेरा ने मिलकर शांतिनाथ भगवान की प्रतिमा को मस्तक पर धारण कर नीचे हॉल में पूजा स्थल पर विराजमान किया। राकेश पहाड़िया ने प्रीत के दस उपवास पर शांतिधारा की। अन्य प्रतिमाओं पर कमल राजेश विनायका, शांतिलाल शाह, कांतीलाल कासलीवाल, कमल नयन पाटनी, ओमचंद बाकलीवाल, राजेंद्र सेठी, श्रवण कुमार कोठारी और रागांश सेठी ने शांतिधारा की। शाम को मंदिर परिसर में संगीतमय भक्तांबर आरती हुई। आदिनाथ नवयुवक मंडल की ओर से विद्यासागर निलय में सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए।
Published on:
04 Sept 2025 10:28 pm
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