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मालासेरी देव डूंगरी के दान पात्र में बंद है पीएम मोदी की पाती, पाती के खुलने का कुछ दिन और इंतजार

- भादवी छठ पर खुलना था दानपात्र : जानने को उत्सुक लोग, बंद पाती में क्या दे गए पीएम मोदी - आठ माह पहले मालासेरी देव डूंगरी आए थे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी - भगवान देवनारायण के दर्शन कर दानपात्र में डाला था बंद लिफाफा

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मालासेरी देव डूंगरी के दान पात्र में बंद है पीएम मोदी की पाती, पाती के खुलने का कुछ दिन और इंतजार

मालासेरी देव डूंगरी के दान पात्र में बंद है पीएम मोदी की पाती, पाती के खुलने का कुछ दिन और इंतजार

भगवान देवनारायण के 1111वें जन्मोत्सव पर आठ माह पहले मालासेरी देव डूंगरी आए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंदिर दर्शन के बाद बंद लिफाफा दानपात्र में डाला था। पीएम की पाती को लेकर लोगों में उत्सुकता है। पूर्व घोषणा के अनुसार 20 सितम्बर को भादवी छठ पर मंदिर प्रबंधन की ओर से दान पात्र खोला जाना तय है, लेकिन इन दिनों डूंगरी पर भक्तों की भारी भीड़ को देखते हुए दानपात्र खोलने में देरी हो सकती है। दानपात्र खोलने पर ही पता चलेगा कि पीएम मोदी ने बंद लिफाफे में ऐसा क्या लिखा था, या बंद लिफाफे के जरिए पीएम मोदी क्या संदेश या सौगात देकर गए।

मालासेरी देवडूंगरी मंदिर के पुजारी हेमराज पोसवाल ने बताया कि भादवी छठ पर भक्तों की भारी भीड़ के बीच दान पात्र खोलना संभव नहीं हो रहा। दानपात्र खोलने का फैसला 22 सितम्बर को लिया जाएगा। इससे पहले तीन दिन यहां मेला भरेगा। ऐसे में जिले की जनता को पीएम मोदी बंद पाती में क्या दे गए, इसका इंतजार करना होगा। गौरतलब है कि 28 जनवरी को देवनारायण के जन्मोत्सव में भाग लेने पीएम मालासेरी आए थे। यहां भगवान के दर्शन किए। पीएम ने पहले 1111 रुपए दानपात्र में डाले थे। उसके बाद सीलबंद लिफाफा यानि पाती को भी दानपात्र में डाला।

भक्त मानते हैं, पाती में विकास का खाका

भगवान देवनारायण के भक्तों का मानना है कि लिफाफा खुलने पर ही पता चलेगा कि पीएम मोदी मालासेरी देव डूंगरी के विकास को लेकर क्या खाका खींचकर गए। ऐसे में लोग लिफाफा खुलने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। लिफाफा डालने की बात आठ माह पूर्व मंदिर पुजारी हेमराज पोसवाल ने ही बताई थी। पीएम मोदी के भगवान देवनारायण के दर्शन करने से लेकर सभा में मंच तक पुजारी पोसवाल साथ थे। पोसवाल ने ही मोदी को भगवान देवनारायण के प्राकट्य सम्बंधी जानकारी दी थी।


इनका कहना है
भादवी छठ पर मालासेरी में भक्तों की भीड़ के कारण दानपात्र खोलना सम्भव नहीं है। मंदिर में जगह छोटी है। तीन दिन मेला भरने के बाद 22 सितम्बर को दानपात्र खोलने पर निर्णय होगा। हालांकि 30 सितम्बर को दो हजार के नोटबंदी के कारण हर हाल में इसे 25 सितम्बर से पहले खोलना जरूरी है। इसमें दो हजार के नोट भी हो सकते हैं, जिन्हें बैंक में जमा करवाने हैं।

- हेमराज पोसवाल, पुजारी, मालासेरी देव डूंगरी