-भीलवाड़ा शहर के सभी अण्डरपास की दुर्दशा एवं बिगड़ती यातायात व्यवस्था का मामला
पत्रिका ने उठाया मुद्दा : जनहित याचिका दायर, सरकार के मुख्य सचिव न्यायालय में तलब
भीलवाड़ा. पांच लाख की आबादी के शहर भीलवाड़ा को सबसे बड़ी परेशानी से निजात दिलाने के लिए नेताओं व अफसरों की नींद भले ही नहीं उड़ रही है, लेकिन जनता की आवाज उठाने लिए स्थानीय न्यायालय में जनहित याचिका दायर हो गई है।
शहर में सुगम कनेक्टिविटी अभाव के साथ अण्डरपास की दुर्दशा एवं इससे बिगड़ती व्यवस्थाओं के मामले में एडवोकेट आजाद शर्मा ने स्थाई लोक अदालत में जनहित वाद दर्ज कर नोटिस जारी करने की पैरवी की।
इस पर स्थाई लोक अदालत के अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा एवं सदस्य गोवर्धन सिंह कावडिय़ा व डॉ. सुमन त्रिवेदी ने वाद दर्ज कर मुख्य सचिव राज्य सरकार जयपुर के साथ भीलवाड़ा के जिला कलक्टर, नगर परिषद आयुक्त, नगर विकास न्यास के सचिव, पीडब्ल्यूडी के अधीक्षण अभियंता व यातायात पुलिस के प्रभारी तथा उत्तर पश्चिम रेलवे के अजमेर डिवीजन के महाप्रबन्धक को 5 अगस्त को न्यायालय में तलब किया है।
अधिकारियों की तय हो जिम्मेदारी दायर याचिका में शहर की बढ़ती जनसंख्या व यातायात परिवहन में आ रही समस्या के समाधान के लिए रेलवे ओवरब्रिज बनाने का निवेदन किया गया है। इससे यातायात व्यवस्था सुगम होगी एवं लंबे समय से चली आ रही समस्या का भी समाधान होगा। याचिका में बताया कि पूर्व में रामधाम के सामने से रेलवे ओवरब्रिज पुलिया का तकमीना बना था, इसके बाद भी ओवरब्रिज पुलिया नहीं बनने का क्या कारण रहा? इसकी स्थिति स्पष्ट करें। भीलवाड़ा शहर के रेलवे फाटक अण्डरब्रिज व अजमेर रोड अण्डरब्रिज जगह जगह टूटा है। इनमें गड्ढे हो रहे हैं।इससे बरसात का पानी भर जाता है, जिन्हें दुरूस्त कराया जाएं। शहर के सभी अण्डरब्रिज के बारे में क्या नियम संधारित किए गए हैं, इसके लिए जिम्मेदारी तय कर राजकीय राशि का दुरुपयोग होने से बचाया जाएं एवं ऐसे अण्डरब्रिज का निर्माण किन किन मानकों पर किया गया, किन अधिकारियों की अनुशंसा व देखरेख में निर्माण हुआ है, उनकी जिम्मेदारी निर्धारित करने को कहा है।
पत्रिका बना जनता की आवाज-भीलवाड़ा शहर से गुजर रही रेलवे लाइन के दोनों तरफ आबादी बसी है। इस कारण लाइन को पार कर एक तरफ से दूसरी तरफ आने-जाने के लिए एक ही ओवरब्रिज अजमेर चौराहे पर बना है। वह भी काफी वर्ष पुराना एवं जर्जर है। रेलगाडि़यों के क्राॅसिंग के समय फाटक बंद होने के कारण आवाजाही बाधित हो जाती है। इससे जाम के हालात बनते हैं। यह समस्या काफी वर्षों से है, जिससे शहरवासी भारी परेशान हैं। इसके बावजूद जिम्मेदार विभागों की ओर से कोई भी पहल नहीं की जा रही हैं। राजस्थान पत्रिका ने सुगम कनेक्टीविटी के लिए अण्डरपास के मामले को प्रमुखता से उठाया। पत्रिका ने भीलवाड़ा शहर को चाहिए, जोधपुर-कोटा जैसे कनेक्टिंग पुल, नेताओं-अफसरों की नाकामी दिखा रहे ये अण्डरपास शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर जनता की पीड़ा को सरकार व सिस्टम के समक्ष रखा है।