scriptपुर: कहने को नगर परिषद का हिस्सा, सुविधा पंचायत सरीखी भी नहीं | Pur: Part of the city council to say, the facility is not even like | Patrika News
भीलवाड़ा

पुर: कहने को नगर परिषद का हिस्सा, सुविधा पंचायत सरीखी भी नहीं

– पुर के कोठारी पैलेस में जनता ने रखी समस्याएं , निराकरण पर मंथन व सुझाव
– अतिक्रमण से लेकर गंदगी और मकान में दरारों से त्रस्त पुर के बाशिंदे
– जनप्रतिनिधियों से अफसरों की अनदेखी का शिकार पुर

भीलवाड़ाMay 15, 2023 / 11:05 pm

Akash Mathur

पुर: कहने को नगर परिषद का हिस्सा, सुविधा पंचायत सरीखी भी नहीं

पुर: कहने को नगर परिषद का हिस्सा, सुविधा पंचायत सरीखी भी नहीं

शहर से दस किलोमीटर दूर पुर। कहने को नगर परिषद के पेराफेरी क्षेत्र का हिस्सा, लेकिन यहां सुविधाएं देखें तो पंचायत के किसी गांव से भी बदतर। जगह-जगह अतिक्रमण व गंदगी का ढेर। मूलभूत सुविधाओं से कोसों दूर। राजस्थान पत्रिका की ओर से पुर के कोठारी पैलेस में मेरा शहर मेरा मुद्दा कार्यक्रम हुआ। इसमें क्षेत्रीय समस्याओं को लेकर पुरवासियों का गुबार फूट पड़ा। लोगों का कहना था कि राजस्थान पत्रिका हर बार जनता की आवाज बना, लेकिन जनप्रतिनिधियों से लेकर अफसरों ने पुर की समस्याओं के निराकरण पर ध्यान ही नहीं दिया।

 

लोगों ने यहां तक कहा कि पुर को नगर परिषद से हटाकर पंचायत में डाल दिया जाए। जनता की आवाज को बुलंद करने के लिए क्षेत्र के पार्षद भी कार्यक्रम में मौजूद थे। उन्होंने भी जनता की समस्या को जायज ठहराया। कोठारी पैलेस में पत्रिका के कार्यक्रम में जनता ने खुलकर अपनी समस्या रखी। गंदगी, अतिक्रमण, नालियां नहीं होने, खिलाडि़यों के लिए ट्रेक की जरूरत, सुलभ शौचालय के बंद होने, मकानों में दरारें, अस्पताल में स्टॉफ की कमी जैसे मुद्दे कार्यक्रम में उठे। इनके निराकरण कराने के लिए पार्षदों ने झंडा थामने का भरोसा दिलाया। समस्याओं के निराकरण को लेकर सुझाव सामने आए।

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ये प्रमुख समस्या
अतिक्रमण
कस्बे के मुख्य मार्गेां के दोनों हाथ ठेले वालों से लेकर सब्जी विक्रेताओं ने कब्जा कर रखा है। इससे मार्ग संकरा है। सब्जी मंडी को बाजार से हटाकर अन्यत्र स्थापित करने पर ही मुख्य मार्ग खुला नजर आएगा।
नालिया नहीं, सड़कों पर गंदा पानी
क्षेत्र में अधिकांश जगह नालियां नहीं है। घरों का गंदा पानी सड़क पर आ रहा। मच्छर और कीड़े पनपते है। बीमारियां फैल रही है। परिषद कहती बजट आवंटित हुआ। हकीकत धरातल पर काम ही नहीं हुआ। मोहल्ला और चौराहों पर गंदा पानी भरा होने से परेशानी हो रही।
अस्पताल में स्टाफ नहीं, भीलवाड़ा तक की दौड़
पुर में सरकारी अस्पताल है। यहां स्टाफ पूरा नहीं। शाम होते ही अस्पताल खाली। रात में तबीयत बिगड़ने पर डॉक्टर नहीं मिलते। भीलवाड़ा की दौड़ लगानी पड़ती है। जो स्टाफ लगा है, वह डेपुटेशन पर है। स्थायी रूप से स्टाफ लगाने के साथ अस्पताल में संसाधन बढ़ाए जाए।
दरारों की समस्या का निदान नहीं
पूरे पुर में मकानों, धर्मस्थलों, सरकारी भवनों में दरारें आ रही हैं। कई भवन दरारों के कारण जीर्ण-शीर्ण हालात में पहुंच गए। इनका निराकरण नहीं हुआ। प्रशासन ने प्रभावित लोगों को पूरे भूखंड तक नहीं दिए।

रोडवेज आती नहीं, पांच किमी पैदल चलने की मजबूरी

बाइपास निर्माण के बाद रोडवेज बस पुर के अंदर से होकर नहीं निकलती। लोग प्रबंधन को शिकायत कर तंग आ गए। बाइपास पर लोगों को छोड़ दिया जाता है। बस पकड़नी है तो बाइपास पर जाओ। पांच किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है। खासतौर से रात में महिलाएं व बच्चे परेशान होते हैं।

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ये बोले लोग

-दरारों से प्रभावित लोगों को पर्याप्त भूखंड नहीं मिले हैं। प्रशासन चेहतों को भूखंड बांट रहा। परिषद मूलभूत सुविधा और विकास के नाम पर भेदभाव कर रही है। इसे परिषद से हटाकर पंचायत से जोड़ दिया जाए तो ही अच्छा होगा।- मुकेश सोनी


-अस्पताल में पर्याप्त स्टाफ लगाया जाए ताकि चौबीस घंटे पुर के लोगों को सुविधा मिल सकें। इसके अलावा चम्बल का पानी प्रेशर के साथ आए।– नरेन्द्र कोठारी


-पुर में अतिक्रमण की बुरी िस्थति है। मुख्य मार्ग पर अभियान चलाकर परिषद दोनों ओर काबिज हाथ ठेले और सब्जी विक्रेताओं को हटाया जाए। समय पर सफाई हो और नालियां व सड़कें बनाई जानी चाहिए।- छोटूलाल अठारिया

 

जहां नालियां बनी उनकी समय पर सफाई नहीं होती। रोड लाइटें नहीं लगी है। रात में मोहल्ले में अंधेरा रहता है। साम्प्रदायिक सौहार्द की जरूरत है। रात-दिन लड़ाई से तंग आ गए। – रीना बानो सोरगर

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