28 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

राजस्थान का टेक्सटाइल उद्योग अन्य राज्यों से पिछड़ा

संभाग स्तरीय उद्योग बैठक में चेम्बर ने रखी समस्या

2 min read
Google source verification
Rajasthan's textile industry backward than other states in bhilwara

Rajasthan's textile industry backward than other states in bhilwara

भीलवाड़ा .

Textile industry राजस्थान का टेक्सटाइल उद्योग अन्य राज्यों से काफी पिछडा हुआ है। देश में 2100 से अधिक टेक्सटाइल मिले है। इनमें 471 लाख से अधिक स्पिण्डल संचालित है। राजस्थान में 40 मिलों में 20 लाख स्पिण्डल है। जो 5 प्रतिशत से भी कम है। पावरलूम क्षेत्र में 35 लाख से अधिक लूम देश में संचालित है। राजस्थान में मात्र 22 हजार लूम है।

Textile industry टेक्सटाइल उद्योग प्रमुख रोजगार सजृक होने के नाते महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश आदि राज्य अपने-अपने राज्यों में उद्यमियों को आकर्षित करने के प्रयास करते हुए टेक्सटाइल नीति बनाई है। हमें भी इन राज्यों के समान टेक्सटाइल उद्योग को विकसित करने के लिए विशेष ध्यान देना होगा। यह बात मेवाड़ चेम्बर ऑफ कामर्स के प्रतिनिधि सुमित जागेटिया ने अजमेर में आयोजित संभाग स्तरीय उद्योग की बैठक में कहीं। बैठक राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग डॉ सुबोध अग्रवाल की अध्यक्षता में हुई। इसमें चेम्बर के प्रतिनिधिमण्डल ने टेक्सटाइल उद्योग के लिए नई विशेष नीति शीघ्र लाने का अनुरोध किया। बैठक में संभागीय सचिव एलएन मीणा एवं अजमेर जिला कलक्टर विश्व मोहन शर्मा भी उपस्थित थे।
चेम्बर के महासचिव आरके जैन ने बताया कि चेम्बर ने अपने प्रस्तुतिकरण में बताया कि बन्दरगाहों से दूरी को देखते हुए निर्यातकों को निर्यात माल बन्दरगाह तक भेजने पर 3 रुपए किलो भाडा अनुदान, टेक्सटाइल उद्योग को विद्युत दरों में 2 से 3 रुपए प्रति युनिट की विशेष छूट दी जाए।
महाराष्ट्र, गुजरात एवं मध्यप्रदेश की टेक्सटाइल एवं उद्योग नीतियों के अनुरुप राजस्थान की टेक्सटाइल नीति पर विचार करना होगा। महाराष्ट्र में टेक्सटाइल उद्योग को 25 से 60 प्रतिशत तक पूंजी अनुदान एवं 2 से 3 रुपए तक विद्युत दरों में छूट, मध्यप्रदेश में 10 से 40 प्रतिशत तक पूंजी अनुदान व 5 से 7 प्रतिशत तक ब्याज अनुदान तथा गुजरात में 4 से 6 प्रतिशत तक ब्याज अनुदान एवं विद्युत दरों में 3 रुपए प्रति युनिट तक छूट के प्रावधान है। चेम्बर ने मुम्बई-दिल्ली फे्रट कोरीडोर से जोडने के लिए भीलवाडा से किशनगढ तक अलग रेलमार्ग बनाने, भीलवाडा में रेलवे फ्रेट टर्मीनल बनाने एवं रेडीमेड गारमेन्ट कलस्टर, सेरेमिक कलस्टर, उद्योगों के लिए नेशनल हाईवे एवं राज्यमार्गो के समीप औद्योगिक भूमि विकसित करने की मांग की गई।