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भीलवाड़ा

रामलाल जाट कांस्टेबल से केबिनेट मंत्री तक पहुंचे है

Ramlal Jat has reached from constable to cabinet minister भीलवाड़ा जिले को एक दशक बाद फिर प्रदेश के राज्य मंत्री मण्डल में प्रतिनिधित्व मिला है। जयपुर में रविवार शाम को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आयोजित नए मंत्री मण्डल के शपथ ग्रहण समारोह में मांडल विधायक एवं भीलवाड़ा डेयरी चेयरमैन रामलाल जाट ने केबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली है।

भीलवाड़ाNov 22, 2021 / 12:09 pm

Narendra Kumar Verma

Ramlal Jat has reached from constable to cabinet minister

Ramlal Jat has reached from constable to cabinet minister

भीलवाड़ा। भीलवाड़ा जिले को एक दशक बाद फिर प्रदेश के राज्य मंत्री मण्डल में प्रतिनिधित्व मिला है। जयपुर में रविवार शाम को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आयोजित नए मंत्री मण्डल के शपथ ग्रहण समारोह में मांडल विधायक एवं भीलवाड़ा डेयरी चेयरमैन रामलाल जाट ने केबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली है। 56 वर्षीय जाट की शिक्षा बीए प्रथम वर्ष ऑनर्स है। उनके परिवार में पत्नी शंभूदेवी तथा दो पुत्र व एक पुत्री है। Ramlal Jat has reached from constable to cabinet minister
जाट इससे पूर्व भी गहलोत के पूर्ववर्ती मंत्री मण्डल में वन, पर्यावरण व खनिज राज्य मंत्री रह चुके है। हालांकि जाट को यह पद बाद में तत्कालीन भीलवाड़ा डेयरी चेयरमैन रतन लाल चौधरी की धर्म पत्नी पारस देवी की 27 सितम्बर 2011 को संदिग्ध हालत में हुई मृत्यु और बिना पोस्टमार्टम कराए शव को ले जाने के मामले में नाम उछलने पर छोडऩा पड़ा था। इधर, जाट के मंत्री बनाए जाने के बाद जिले में खुशी का माहौल है, उनके समर्थकों ने मांडल विधानसभा क्षेत्र के साथ ही समूचे जिले में आतिशबाजी की और मिठाई बांट कर लोगों का मुंठ मीठा कराया।
कांस्टेबल से मंत्री पद का सफर

जाट राजनीति में आने से पहले राजस्थान पुलिस सेवा में कांस्टेबल रहे चुके है। जाट अभी तक पांच बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके है। वह चार बार विजयी हुए है, जबकि वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में वह आसीन्द सीट से हार गए थे। जाट अभी राजस्थान कांग्रेस कमेटी में उपाध्यक्ष भी है। हाल ही पंचायत राज उपचुनाव में वह जोधपुर संभाग के प्रभारी थे और गहलोत सरकार पर आए संकट के समय उनके साथ खड़े थे। जाट विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के करीबी माने जाते है, लेकिन कांग्रेस जिलाध्यक्ष रामपाल शर्मा के उनका कई मौके पर मनमुटाव भी सामने आया है।
जिले को मिलता रहा प्रतिनिधित्व

प्रदेश में पूर्ववती भाजपा सरकार के दौरान भीलवाड़ा जिले का प्रतिनिधित्व मंत्री मण्डल में नहीं रहा, लेकिन इस अवधि में शाहपुरा विधायक एवं वरिष्ठ भाजपा नेता कैलाश मेघवाल विधानसभा अध्यक्ष रहे। इससे पूर्व की सरकारों में भी जिले को कई मौकों पर प्रतिनिधित्व रहा है। भीलवाड़ा के ही मांडलगढ़ विधानसभा से विधायक रहे शिवचरण माथुर दो बार मुख्यमंत्री बने। असम के राज्यपाल पद पर रहते समय उनका असामयिक निधन हो गया था।
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