पुलिस के अनुसार मूलत: जालोर जिले के धानसा निवासी अमरसिंह राठौड़ बापूनगर में किराए से रहता था। उसके साथ पत्नी, एक बेटा व एक बेटी रहते थे। पत्नी बेटे के साथ चित्तौड़गढ़ जिले के नेगडिया कलां िस्थत पीहर गई थी। मंगलवार सुबह अमरसिंह बेटी को स्कूल के लिए टेम्पो में बैठाकर घर लौट गए। इसके बाद कमरे को अंदर से बंद करके रस्सी से पंखे पर फंदा लगाकर झूल गए। अमरसिंह की कुंभा सर्किल पर नेहा कलेक्शन के नाम से रेडीमेड गॉरमेंट की दुकान है। उनका कर्मचारी सुबह दुकान की चाबी लेने घर पहुंचा। कर्मचारी को कमरा अंदर से बंद मिला। उसने आवाज भी दी, लेकिन जवाब नहीं मिला। कर्मचारी ने अमरसिंह की बहन को फोन लगाया। बहन ने गेट तोड़ने के लिए कहा। गेट खोलने पर अमरसिंह को पंखे पर झूलता देखकर कर्मचारी के होश फख्ता हो गए। आसपास के लोग वहां जमा हो गए। सूचना पर पुलिस भी वहां पहुंची। सूचना पर पीहर पक्ष के लोग वहां पहुंचे। पुलिस ने कमरे की तलाशी ली तो सुसाइड नोट मिला। पुलिस ने फंदे से शव उतार कर मोर्चरी में रखवाया।
ज्वैलर्स व्यवसाय को बताया जिम्मेदार
सुसाइड नोट में अमरसिंह ने आत्महत्या का जिम्मेदारी कुंभा सर्किल पर महाराणा ज्वैलर्स का मालिक नाथूसिंह सोलंकी को बताया। अमरसिंह ने लिखा कि वह नाथूसिंह के चक्कर में फंस गया। यह बात परिवार को नहीं बताई थी। इसलिए यह कदम उठाना पड़ रहा है। अमरसिंह ने परिवार से माफी मांगी। मृतक के साले युवराजसिंह ने नाथू के खिलाफ मामला दर्ज कराया। पुलिस के अनुसार अमरसिंह को कुंभा सर्किल पर नाथू ने दुकान दिलाई। अमर ने ब्याज पर नाथू से दो से तीन लाख रुपए उधार लिए। इसका नाथू ब्याज वसूल रहा था। उसके तकाजे से अमरसिंह परेशान चल रहा था। इसके चलते उसने आत्महत्या कर ली। पुलिस मामले की जांच कर रही है। अमरसिंह के चार बहनें है।