
जीएसटी में राहत से भीलवाड़ा का वस्त्र उद्योग फिर चल पड़ा
भीलवाड़ा।
देश भर के टेक्सटाइल व औद्योगिक सगंठनों की मांग को आखिर केन्द्र सरकार को मानना पड़ा। जीएसटी काउंसिल की बैठक में टेक्सटाइल उद्यमियों को बड़ी राहत देते हुए मेनमेड यार्न पर 6 प्रतिशत जीएसटी दर को कम करते हुए 18 से घटाकर 12 प्रतिशत किया गया है। इससे एक बार मृत प्राय हो रही टेक्सटाइल इकाइयों को दीपावली से पहले ही नई जान मिल गई है। हालांकि दीपावली पर होने वाला व्यापार लगभग समाप्त हो गया, फिर आने वाले त्यौहारी सीजन से अब उद्योगों को काम आसानी से मिल सकेगा।
औद्योगिक संगठनों के साथ भीलवाड़ा सांसद सुभाष बहेडिय़ा भी पिछले चार माह से यार्न की दर को १२ प्रतिशत करने या आईटीसी रिफण्ड की मांग करते आ रहे थे। भीलवाड़ा में 425 विविंग इकाइयां, 18 प्रोसेस हाउस व एक हजार जॉब व्यापारी हैं। कर में राहत से इन्हें प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। कपड़ा व्यापारियों की बात माने तो अब यार्न पर 12 प्रतिशत टेक्स होने से कपड़ा कम्पोजिट मिलों के मुकाबले जहां 7 रुपए मीटर महंगा पड़ रहा था वह अब 3 से 4 रुपए मीटर ही महंगा रहेगा। लेकिन व्यापारी अब अपने लाभ को कम करके कपड़े को आसानी से बेच सकेगा। कपड़ा व्यापारियों को यार्न में 6 प्रतिशत की छूट मिलने के साथ ही रिवर्स चार्ज मेकेनिज्म (आरसीएम) को फिलहाल हटाने से व्यापार जगत को बड़ी राहत मिली है। तीन माह में कपड़े का उत्पादन 50 प्रतिशत रह गया था। करीब 25 हजार श्रमिकों को काम मिलना बन्द हो गया था।
इन्होंने किया था प्रयास
यार्न पर 12 प्रतिशत जीएसटी दर करने की मांग को लेकर सभी संगठनों ने प्रयास किया था। इसमें प्रमुख रूप से सांसद बहेडिय़ा, मेवाड़ चैम्बर ऑफ कामर्स एण्ड इण्डस्ट्री, भीलवाड़ा टेक्सटाइल ट्रेड से फेडरेशन, लद्यु उद्योग भारती, सिन्थेटिक्स वीविंग मिल्स एसोसिएशन शामिल है।
27 बार भेजे प्रतिवेदन, कई बार की मुलाकातें, तब जाकर मिली सफलता
मेवाड चेम्बर के अध्यक्ष दिनेश नौलखा ने बताया कि यार्न पर जीएसटी दर कम करने के लिए अब तक २७ प्रतिवेदन भेज चुका था। इसके अलावा वित्त मंत्री, सहित विभिन्न मंत्रियों वसे राजस्व सचिव से मिलकर मेनमेड यार्नकी दर को कम करने का अनुरोध किया था। दर कम होने से टेक्सटाइल सेक्टर के लिए सकारात्मक कदम है। भाजपा जिलाध्यक्ष व भीलवाड़ा टेक्सटाइल ट्रेड फेडरेशन अध्यक्ष दामोदर अग्रवाल ने कहा कि जीएसटी की दरों को लेकर राजस्थान पत्रिका ने अपने स्तर पर प्रयास किए।इससे व्यापारियों को भी सम्बल मिला। मुख्यमंत्री भी इस मामले में व्यापारियों के साथ थी। भीलवाड़ा के टेक्सटाइल उद्यमियों को बड़ी राहत मिली है। लद्यु उद्योग भारती के प्रान्तीय उपाध्यक्ष केके जिन्दल व संजीव चिरानिया ने कहा कि लघु उद्योग भारती ने वित्त मंत्री अरुण जेटली को पत्र लिखकर इसमें सुधार की मांग की थी।
Published on:
07 Oct 2017 01:43 pm
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