
निज पर शासन फिर अनुशासन यह सीख जैन धर्म से सीखी -मेघवाल
भीलवाड़ा।
आचार्य महाश्रमण के सान्निध्य में शुक्रवार को अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह के तहत अनुशासन दिवस मनाया गया। इस मौके पर केन्द्रीय संसदीय कार्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने आचार्य के दर्शन किए। मेघवाल ने कहा कि अपने जीवन में मैंने बहुत ही विभूतियों को जाना है, पढ़ा है। किंतु आचार्य तुलसी जैसी महान विभूति मैंने नहीं देखी। अणुव्रत से मैं विद्यार्थी काल से जुड़ा हुआ हूं। अनेकों बार आचार्य तुलसी का प्रवचन सुनने का अवसर प्राप्त हुआ। आचार्य महाप्रज्ञ से भी संबंध रहा है। आचार्य महाश्रमण से तो मुझे निरंतर ऊर्जा मिलती रहती है। अणुव्रत वर्तमान समय में बहुत प्रासंगिक है। जन-जन में अणुव्रत की चेतना जाग जाए तो समाज का सुधार हो सकता है।
मेघवाल ने कहा कि सर्वप्रथम निज पर शासन फिर अनुशासन यह सीख जैन धर्म से सीखी है। राजनीति में अपने जीवन में अणुव्रत अपनाना चाहिए। विश्व में सैन्य सामग्री, सैन्य हथियार व एटम बम की होड़ चल रही थी तब आचार्य तुलसी ने अणुव्रत का संदेश दिया था। उन्होंने कहा कि आज में जो राजनीति में हूं वह आचार्य महाप्रज्ञ के कारण हूं। उन्होंने ही मुझे चुनाव लडऩे के लिए कहा था।
पानी के उपयोग में नहीं अपना रहे संयम
मेघवाल ने साध्वी प्रमुखा कनकप्रभा के कथन पर जोर देते हुए कहा कि आज कम्प्यूटर तो हर घर में है, लेकिन पानी हर घर में होगा या नहीं यह चिन्ता आज आजादी के ७५ साल बाद भी हम कर रहे हैं। यह चिन्ता नहीं होनी चाहिए थी, क्योंकि इस भाव को बच्चों के संस्कार में स्कूल के समय ही डाल देते तो यह समस्या नहीं आती। हर घर में नल हो यह समस्या तो केन्द्र सरकार दूर कर रही है। लेकिन इस पर मंथन करने की जरूरत है। पहले सुबह का कार्यक्रम एक लोटा, नहाने के लिए एक बाल्टी, दिन भर पानी पीने के एक मटका चाहिए था। अब ऐसा क्यो नहीं हो रहा है। फाइव स्टार होटल में एक दिन में लाखो लीटर पानी बर्बाद हो जाता है। यह चिन्तन का विषय है। पानी में अब संयम नहीं अपना रहे हैं। विवेकशील प्राणी ही निज पर शासन फिर अनुशासन को अपना सकता है। अणुव्रत का गीत स्वयं केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल ने गाया तो आचार्य महाश्रमण ने भी साथ दिया।
आमजन के हित में कार्य करें, इतिहास रचें
आचार्य महाश्रमण ने कहा कि राजनीति में आपको सेवा का अवसर मिला है, उसका आमजन के हित मे कार्य कर एक नया इतिहास रचें। उन्होंने कहा कि व्यक्ति दूसरों पर अनुशासन करना चाहता है, पर पहले स्वयं का स्वयं पर अनुशासन हो यह जरूरी है। पहले हम स्वयं पर अनुशासन करें, आत्मा का दमन करें तो व्यक्ति सुखी रह सकता है। दो बातें हैं प्रिय और श्रेय। किसी को क्या प्रिय लगता है वह अलग चीज है और उसके लिए क्या श्रेयस्कर है, हितकर है वह अलग बात हो जाती है। कोई शुगर का मरीज है उसे मिठाई प्रिय हो सकती है पर वह उसके लिए श्रेयस्कर नहीं होती। व्यक्ति इस पर ध्यान दें कि श्रेयस्कर क्या है। दूसरों को अपने अनुशासन में रखने से पहले आत्मानुशासन की अर्हता होनी चाहिए। कार्यक्रम में साध्वीप्रमुखा कनकप्रभा ने भी विचार व्यक्त किए। मेघवाल का चातुर्मास प्रवास व्यवस्था समिति अध्यक्ष प्रकाश सुतरिया ने स्वागत किया। इस दौरान सांसद सुभाष बहेडिय़ा, भाजपा जिलाध्यक्ष लादुलाल तेली, भाजपा जिला महामंत्री मुरलीधर जोशी, भाजपा जिला प्रवक्ता कैलाश सोनी मौजूद थे।
पुरस्कार समारोह
अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद की ओर से पुरस्कार समारोह का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय अध्यक्ष संदीप कोठारी ने पुरस्कारों की घोषणा की। युवा गौरव अलंकरण बीसी भलावत (मुंबई) को प्रदान किया। आचार्य महाप्रज्ञ प्रतिभा पुरस्कार जब्बर चिंडालिया (जयपुर) को एवं आचार्य महाश्रमण युवा व्यक्तित्व पुरस्कार विमल रुणवाल (जयसिंहपुर) को प्रदान किया गया। उपाध्यक्ष अमित नाहटा, महेश बाफना, कोषाध्यक्ष दिनेश पोखरना ने पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं का परिचय दिया।
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मेघवाल का किया स्वागत
केंद्रीय मंत्री मेघवाल का भाजपा नेता कालू लाल गुर्जर के नेतृत्व में भाजपाइयों ने 51 किलो का हार पहनाकर स्वागत किया। इस दौरान कल्पेश चौधरी, भाजपा युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष कुलदीप शर्मा, जिला महामंत्री लक्ष्यराज सिंह, भगवती लाल गुर्जर, भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा जिला अध्यक्ष इमरान कायमखानी, जिला महामंत्री इमरान काजी, भाजपा डीएनटी संयोजक राजकुमार मालावत, ओम प्रकाश जांगिड़, भाजपा मंडल मंत्री सुरेंद्र भंडारी, दिनेश सोनी, दौलत माली, मुकेश तेली, शंकर मेघवंशी उपस्थित थे।
Published on:
01 Oct 2021 09:40 pm
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