3939 नोट 2 हजार के निकले –
मंदिर मंडल के सीईओ अभिषेक गोयल ने बताया कि गत अमावस्या को हुई भंडार की गणना में करीब 9 करोड़ की नकदी प्राप्त हुई थी। जिसमें से 3939 नोट दो हजार के थे। मंदिर के कोषाधिकारी नंद किशोर टेलर ने बताया कि इस राशि को तत्काल बैंकों में मंदिर के खातों में जमा करा दिया गया। उन्होंने बताया कि हर गणना में लाखों रुपए दो हजार के नोट के रुप में चढ़ावा आता है।
चतुर्दशी 18 मई को भंडार खोला-
चित्तौडगढ़़ जिले के प्रख्यात कृष्ण धाम भगवान सांवलिया सेठ के मंदिर में भंडार की गणना के तीसरे दौर के बाद 8 करोड़ 21 लाख 63 हजार 769 रुपए की राशि प्राप्त हुई है। जबकि भेंट कक्ष में ऑनलाइन सहित 87 लाख 26 हजार 970 अलग से प्राप्त हुए हैं। सांवलिया जी मंदिर में चतुर्दशी 18 मई को भंडार खोला गया था इसके बाद सोमवार तथा मंगलवार को अलग-अलग दिवस में 3 चरणों में गणना पूरी हुई। भंडार से 217 ग्राम स्वर्ण 8100 ग्राम रजत के अलावा पिछले माह मंदिर मंडल कार्यालय में 84 ग्राम 570 मिलीग्राम स्वर्ण तथा 23 किलो 936 ग्राम 400 मिलीग्राम रजत आभूषण तथा सामग्री प्राप्त हुई है। गत वर्ष इसी अमावस्या की चतुर्दशी के अवसर पर 7 करोड़ 57 लाख रुपए की राशि निकली थी। इस हिसाब से गत वर्ष की तुलना में 10 फीसदी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। नोटों की गणना के दौरान मंदिर मंडल अध्यक्ष भेरू लाल गुर्जर, सदस्य श्रीलाल पाटीदार, संजय मंडोरा, भंवरलाल सोनी व प्रशासनिक अधिकारी नंदकिशोर टेलर मौजूद थे।
चित्तौडगढ़़ जिले के प्रख्यात कृष्ण धाम भगवान सांवलिया सेठ के मंदिर में भंडार की गणना के तीसरे दौर के बाद 8 करोड़ 21 लाख 63 हजार 769 रुपए की राशि प्राप्त हुई है। जबकि भेंट कक्ष में ऑनलाइन सहित 87 लाख 26 हजार 970 अलग से प्राप्त हुए हैं। सांवलिया जी मंदिर में चतुर्दशी 18 मई को भंडार खोला गया था इसके बाद सोमवार तथा मंगलवार को अलग-अलग दिवस में 3 चरणों में गणना पूरी हुई। भंडार से 217 ग्राम स्वर्ण 8100 ग्राम रजत के अलावा पिछले माह मंदिर मंडल कार्यालय में 84 ग्राम 570 मिलीग्राम स्वर्ण तथा 23 किलो 936 ग्राम 400 मिलीग्राम रजत आभूषण तथा सामग्री प्राप्त हुई है। गत वर्ष इसी अमावस्या की चतुर्दशी के अवसर पर 7 करोड़ 57 लाख रुपए की राशि निकली थी। इस हिसाब से गत वर्ष की तुलना में 10 फीसदी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। नोटों की गणना के दौरान मंदिर मंडल अध्यक्ष भेरू लाल गुर्जर, सदस्य श्रीलाल पाटीदार, संजय मंडोरा, भंवरलाल सोनी व प्रशासनिक अधिकारी नंदकिशोर टेलर मौजूद थे।