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धरती माता बचाओ अभियान’: जिले की ग्राम पंचायतों में दिलाई गई ‘जैविक खेती’ की शपथ

रासायनिक उर्वरकों का उपयोग कम करने और जैविक खाद अपनाने का लिया गया संकल्प अवैध परिगमन रोकने के लिए जागरुकता पर जोर

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Pledge of 'organic farming' administered in Gram Panchayats

Pledge of 'organic farming' administered in Gram Panchayats

किसानों को भूमि में उर्वरकों के संतुलित एवं विवेकपूर्ण उपयोग के प्रति जागरूक करने और अनुदानित रासायनिक उर्वरकों के औद्योगिक प्रयोग तथा राज्य से बाहर अवैध परिगमन को रोकने के उद्देश्य से द्वारा चलाए जा रहे 'धरती माता बचाओ अभियान' ने अब गति पकड़ ली है। इसके तहत कृषि विभाग के निर्देश पर जिले की ग्राम पंचायतों में उपस्थित प्रतिभागियों को अभियान में सक्रिय भागीदारी के लिए संकल्प दिलाया गया।

विवेकपूर्ण उपयोग और जागरुकता

कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक विनोद कुमार जैन ने बताया कि ग्राम पंचायत की बैठकों में उपस्थित सभी किसानों और प्रतिभागियों को 'धरती माता बचाओ अभियान' के तहत शपथ दिलाई गई। इसमें रासायनिक उर्वरकों के उपयोग को कम करना। अपने खेत और मिट्टी में अधिक से अधिक जैव उर्वरक व कार्बनिक खाद (गोबर की खाद, कम्पोस्ट) का उपयोग करना। कृषि विभाग की सिफारिशों अथवा मिट्टी जाँच रिपोर्ट में की गई सिफारिश अनुसार ही रासायनिक, जैव उर्वरक व कार्बनिक खाद का प्रयोग करना। यदि अनुदानित रासायनिक उर्वरकों का अन्य राज्यों में अवैध परिगमन या अन्य कोई अवांछित गतिविधि की जानकारी मिलती है, तो इसकी सूचना तुरंत ग्राम पंचायत अथवा संबंधित विभाग के अधिकारियों को देना। धरती माता की उर्वरा शक्ति को बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास करना।

भूमि स्वास्थ्य और सब्सिडी का दुरुपयोग रोकना

कृषि विभाग की ओर से चलाए जा रहे इस अभियान का दोहरा लक्ष्य है। पहला, किसानों को अत्यधिक रासायनिक उर्वरकों के इस्तेमाल से होने वाले दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक करना और उन्हें जैविक तथा प्राकृतिक खेती की ओर प्रेरित करना है। इससे मिट्टी का स्वास्थ्य बना रहे। दूसरा सरकार की ओर से किसानों को दिए जाने वाले अनुदानित उर्वरकों के दुरुपयोग को रोकना, ताकि ये उर्वरक औद्योगिक कार्यों या मुनाफाखोरी के लिए दूसरे राज्यों में न भेजे जा सकें।

राज्य भर में अभियान

भीलवाड़ा जिले में शुरू की गई यह पहल राज्य भर के अन्य जिलों के लिए एक मॉडल है। नवंबर माह में आयोजित ग्राम सभाओं में यह शपथ दिलाई जा रही है। ताकि राज्य के कोने-कोने तक धरती माता को बचाने और किसानों को जागरूक करने का संदेश पहुंच सके। कृषि विभाग इस अभियान की सफलता के लिए लगातार ग्राम विकास अधिकारियों और कृषि पर्यवेक्षकों के साथ समन्वय स्थापित कर रहा है।