ममता ने बताया कि गांव में दादी, परिवारजनों को हाथ से गोबर व अन्य कचरा उठाते देखा था, जिससे उसने बिना हाथों को गंदा किए और सिर पर वजन नहीं उठाने के बारे में सोचा। पिता और परिजनों ने ममता का सहयोग कर आत्मविश्वास भी बढ़ाया। जिससे ममता ने अनुसंधान कर एक मॉडल तैयार कर इंस्पायर अवार्ड मानक में प्रदर्शित किया। जिसके तहत ममता का चयन अब जापान जाने के लिए किया गया है। छात्रा ममता मूलत: अजमेर जिले के केकडी के पास सापला निवासी है, उसके पिता घीसालाल एक सीमेंट फैक्ट्री में मैनेजर के पद पर कार्यरत है।
जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) कल्पना शर्मा ने बताया कि इस बार राजस्थान से कुल 13 विद्यार्थियों का चयन जापान यात्रा के लिए हुआ है। जिसमें छात्रा ममता चौधरी चित्तौड़ जिले का एकमात्र प्रातिनिधित्व करेगी। यह दल नवंबर में जापान यात्रा पर जाएगा।
गौरतलब है कि जापान सरकार द्वारा प्रतिवर्ष भारत सरकार के साथ समन्वय कर विज्ञान और तकनीकी के क्षेत्रों में नवाचारों को प्रोत्साहित करने के लिए विद्यार्थियों को परस्पर एक-दूसरे देश में आमंत्रित कर उनको तकनीकी के क्षेत्र में विकास के साथ साथ सांस्कृतिक आदान-प्रदान का अवसर प्रदान करवाया जाता है।