
Shadow lunar eclipse on Kartik Purnima on 30th in bhilwara
भीलवाड़ा।
इस साल का आखिरी चंद्रग्रहण 30 नवंबर को है। यह एक उपछाया ग्रहण के रूप में दिखाई देगा। पंडित अशोक व्यास ने बताया कि कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा पर उपच्छाया चंद्र ग्रहण वृषभ राशि और रोहिणी नक्षत्र में सोमवार को लगेगा। ग्रहण का समय भारतीय समयानुसार दोपहर 1.0२ बजे पर एक छाया से पहला स्पर्श। दोपहर 3 बजकर 13 मिनट पर परम ग्रास चंद्र ग्रहण होगा। शाम 5 बजकर 2३ मिनट पर उपछाया से अंतिम स्पर्श होगा। इसका कोई सूतक काल नहीं होगा।
क्या है उपछाया चंद्रग्रहण
पूर्ण और आंशिक ग्रहण के अलावा एक उपछाया ग्रहण भी होता है। उपछाया चंद्र ग्रहण ऐसी स्थिति को कहा जाता है, जब चंद्रमा पर पृथ्वी की छाया न पड़कर उसकी उपछाया मात्र ही पड़ती है। वहीं इस दौरान चंद्रमा पर एक धुंधली सी छाया नजर आती है। इस घटना में पृथ्वी की उपछाया में प्रवेश करने से चंद्रमा की छवि धूमिल सी दिखाई देती है। कोई भी चन्द्रग्रहण जब भी आरंभ होता है तो ग्रहण से पहले चंद्रमा पृथ्वी की परछाई में प्रवेश करता है जिससे उसकी छवि मंद पड़ जाती है तथा चंद्रमा का प्रभाव मलीन पड़ जाता है।
कार्तिक पूर्णिमा से इस बार विशेष संयोग
इस बार कार्तिक पूर्णिमा सोमवार को है। कार्तिक मास का यह सबसे आखिरी दिन होता है। पूर्णिमा स्नान और दान के लिहाज से यह दिन बहुत महत्वपूर्ण होता है। दो शुभ संयोग इस पूर्णिमा को और भी पावन बना रहे हैं। सर्वार्थ सिद्धि योग व वर्धमान योग इस बार कार्तिक पूर्णिमा के दिन रहेंगे।
Published on:
28 Nov 2020 10:38 pm
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