मुखबिर से सूचना मिली कि एक लाख का इनामी गैंगस्टर राजू फौजी मादक पदार्थ लेकर मंगलवार रात भीलवाड़ा जिले से गुजरेगा। बताए समय पर दो गाडि़यों में तस्कर मादक पदार्थ भरकर जा रहे थे। एक गाड़ी में डोडा चूरा था तथा दूसरी एस्कॉर्ट कर रही थी। बेगूं, कोटड़ी होते हुए तस्कर आरसी व्यास कॉलोनी में कोटा बाइपास से हाइवे चढ़ गए। तस्करों का पीछा करने के दौरान रायला थाने की जीप हाइवे पर ओवरब्रिज से नीचे पलट गई। थाने के सिपाही ईशाक मोहम्मद की मौत हो गई। पुलिस ने पहले कहा था कि कानिया में बेरिकैड व अन्य साधनों से हाइवे को जाम किया। लेकिन यह नाकाबंदी कानिया नहीं बल्कि निकट ही अजमेर जिले की सरहद जालिया में हुई थी। वहां भीमगंज थानाप्रभारी सुरजीत अपनी टीम के साथ नाकाबंदी पर थे।
नाकाबंदी के दौरान दो लग्जरी गाड़ी आते दिखी। जिसमें मादक पदार्थ भरा था। वह पीछे चल रही थी। आगे चल रही गाड़ी में सवार तस्करों ने उपनिरीक्षक और जाप्ते पर हथियार निकाल कर धमकाया और रास्ता छोडऩे की बात कही। इस दौरान मादक पदार्थ भरी गाड़ी को पीछे लेकर चालक रवाना हो गया। धमकाने वाले तस्कर मुड़कर जाने लगे तो पुलिस ने फायर कर दिया। इस दौरान तस्करों ने भी फायर किया। तस्करों की ओर से फायर की गई एक गोली भीमगंज थाने के सिपाही ऊषा कुमार के हाथ को छूते हुए निकली। इससे हाथ लहूलुहान हो गया। पुलिस ने पीछा किया। तस्कर मादक पदार्थ से भरी गाड़ी को गुलाबपुरा क्षेत्र के कानिया में छोड़कर भाग गए। बिजयनगर पुलिस ने इसी मामले में जोधपुर से पकड़े गए तस्कर की गिरफ्तारी की।
माण्डलगढ़ से जिले में प्रवेश करने वाले तस्करों की सौ किलोमीटर तक दौड़ लगवा कर पीछे हुई भीलवाड़ा पुलिस ने जिले में एक भी जगह नाकाबंदी करके उनको रोकने की हिमाकत नहीं की। यहां तक की भीमगंज थानाप्रभारी तक को नकाबांदी करने अजमेर जिले की सरहद पर जाना पड़ा। जबकि लाम्बिया टोलनाका या अन्य महफूज जगह नाकाबंदी कर तस्करों को दबोचा जा सकता था। हालांकि पुलिस का तर्क यह है कि मारवाड़ में प्रवेश के लिए जालिया के निकट से होकर तस्कर जाते। इसलिए जालिया में नाकाबंदी कराई गई। हकीकत यह है कि जालिया अजमेर जिले में है।
आरोपी रवि उर्फ रफ्तार से हुई पूछताछ में अब तक सामने आया कि मंगलवार रात को दो तस्करों की गाड़ी में राजू फौजी नहीं था। दोनों गाडि़यों में पांच जने सवार थे। यह मादक पदार्थ बेंगू के निकट एक जगह से भरा गया था। इसे जोधपुर ले जाना था। बिजयनगर पुलिस रवि से उसके अन्य साथियों के बारे में पता कर रही है।
घटना की रात भीलवाड़ा के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक और वर्तमान में अजमेर एसपी भीलवाड़ा के पुलिस अफसरों के गु्रप में जुड़ते हैं। अफसरों को अलर्ट रहने और तस्करों को आने की बात गु्रप में करते हैं। भीलवाड़ा पुलिस तस्करों के पीछे दौड़ती रही। लाम्बिया टोलनाके पर रायला थानाप्रभारी सुनील चौधरी ने तस्कर की एक गाड़ी के रुकने पर पिस्टल तानी। बाद में तस्करों के फरार होने के बाद भी फायरिंग नहीं की। रायला के निकट पीछा करने के दौरान रायला थानाप्रभारी की गाड़ी पलट गई। उसमें एक जवान की मौत हो गई। उसके बाद आईपीएस शर्मा के गु्रप से लेफ्ट हो जाने से मामला सुर्खियों में आ गया। एसपी शर्मा के दबाव के कारण जिले में एक भी जगह नाकाबंदी करके नहीं रोका गया। बताया जा रहा है कि एसपी शर्मा अजमेर जिले में तस्करों को पकड़ कर वाहवाही लूटना चाहते थे।