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फिजिक्स पढ़ाने के लिए शिक्षक नहीं थे तो मंगवाई सीडी, अब शत प्रतिशत परिणाम

टेक्नोलॉजी के इस जमाने में अब जरूरी नहीं कि सामने शिक्षक पढ़ाए तभी बच्चे पास हो

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Students studying through Smart Class in bhilwara

Students studying through Smart Class in bhilwara

ओमप्रकाश शर्मा , भीलवाड़ा।

टेक्नोलॉजी के इस जमाने में अब जरूरी नहीं कि सामने शिक्षक पढ़ाए तभी बच्चे पास हो। जिले का एक स्कूल एेसा भी है जहां विषयाध्यापक नहीं थे, लेकिन बच्चों ने हार नहीं मानी। स्कूल ने उस सबजेक्ट की सीडी मंगवाई। क्लास में शिक्षक की जगह सीडी चलाई और बच्चों को पढ़ाया। इसका नतीजा यह रहा कि स्कूल में शत प्रतिशत परिणाम हासिल हुआ। ग्रामीण क्षेत्रों में आई आईटी क्रांति के बाद यह नई तस्वीर देखने को मिली है।

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इस बार आए विज्ञान संकाय के रिजल्ट में सरकारी स्कूलों और ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों ने निजी स्कूलों के बच्चों की अपेक्षा बेहतर परिणाम हासिल किए है। जिले में 12 वीं विज्ञान वर्ग की 28 सरकारी स्कूलों में से 11 स्कूलों का रिजल्ट 100 फीसदी रहा है। जिले की 10 निजी स्कूलों में से मात्र दो स्कूलों का ही सौ फीसदी रिजल्ट रहा। एक नजर में जिले की सरकारी व निजी स्कूलों का आंकड़ा देखा जाए तो सरकारी स्कूलों में 1,342 छात्र-छात्राएं परीक्षा में बैठे, जिनमें से 1,224पास हुए। इनका 92.20 फीसदी रिजल्ट रहा तो निजी स्कूलों में कुल 374 छात्र-छात्राओं में से 331 छात्र पास हुए। यह आंकड़ा 88.50 फीसदी पर ही सिमट गया है।

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इन सरकारी स्कूलों ने बढ़ाई शान
शहर की राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय बापूनगर सहित ग्रामीण क्षेत्र की आवासीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय आटूण, राबाउमा विद्यालय आसींद, राउमा विद्यालय हमीरगढ़, ओज्याड़ा, सुवाणा, राबाउमा विद्यालय पुर, बेमाली, निम्बाहेड़ा जाटान, मोखुंदा व ओजियाणा (आसींद) सहित कुल 11 सरकारी स्कूलों का परीक्षा परिणाम सौ फीसदी रहा। निजी स्कूलों में आदर्श विद्यापीठ संस्थान आसींद व विवेकानंद उच्च माध्यमिक विद्यालय मांडल कुल दो स्कूलों का रिजल्ट ही सौ फीसदी रहा।



राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बेमाली (मांडल)
प्रिंसिपल गोपाललाल शर्मा का कहना है कि बेमाली स्कूल का पिछले ५ सालों से विज्ञान वर्ग में सौ फीसदी रिजल्ट आ रहा है। शिक्षकों को शिक्षण कार्य के साथ ही अन्य कार्य भी करने होते है, इसके बाद भी शैक्षणिक कार्य को बखूबी निभाते है। स्कूल में बोर्ड कक्षा 12 वीं के लिए 16 अगस्त व कक्षा 10वीं के लिए 1 जुलाई से ही एक्सट्रा क्लास प्रारंभ हो जाती है। फिजिक्स व मेथेमैटिक्स जैसे विषयाध्यापकों के अभाव में सबजेक्ट एक्सपर्ट की सीडी मंगवाकर स्मार्ट क्लास के माध्यम से अध्यापन करवाया है। पूरा स्टाफ मिलकर साल भर रात 11 बजे तक घर-घर जाकर बच्चों को परीक्षा तैयारी के लिए प्रेरित करते है। इसमें अभिभावकों का भी सहयोग मिलता है। वहीं प्रिपेरेशन लीव भी परीक्षा के एक दिन पहले ही दी जाती है। इसके परिणाम सभी के सामने है।

राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय निम्बाहेड़ा जाटान (मांडल)
व्याख्याता दिनेशकुमार शर्मा ने बताया कि स्कूल में विज्ञान वर्ग में फिजिक्स विषयाध्यापक की कमी होने से शाला प्रबंधन समिति ने प्रस्ताव लेकर ६ हजार रुपए मासिक के हिसाब से नाथडि़यास के सलीम मोहम्मद व गोरख्या के पवन गर्ग को गैस फैकल्टी पर रखा। व्याख्याता पवनप्रकाश कुमावत ने मैथ्स व भौतिक विज्ञान की नियमित कक्षा लगाकर स्कूल के सौ फीसदी रिजल्ट लाने में अपनी अहम भूमिका निभाई।


निम्बाहेड़ा जाटान में विज्ञान वर्ग में फिजिक्स विषयाध्यापक की कमी थी, लेकिन स्कूल का रिजल्ट सौ फीसदी रहा। इससे साफ है कि सौ फीसदी परिणाम लाने में बाकी शिक्षकों ने तथा बच्चों ने कितनी कड़ी मेहनत की होगी। जिले में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए सरकार द्वारा तरह-तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। इसका लाभमिल रहा है।
शिवकुमार शर्मा, शैक्षिक प्रकोष्ठ प्रभारी, शिक्षा विभाग